Rajnath Singh Parliament speech: संसद के मॉनसून सत्र के छठे दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान को दो टूक चेतावनी दी है कि अगर पड़ोसी देश ने फिर कोई नापाक हरकत की तो ऑपरेशन सिंदूर जैसे जवाब से पीछे नहीं हटेगा भारत। पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत की सहनशीलता की सीमा उस घटना ने पार कर दी थी। लोकसभा में सिंह ने बताया कि भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर, 100 से ज्यादा आतंकियों को मार गिराया। यह एक सटीक और योजनाबद्ध जवाब था। राजनाथ ने जोर देकर कहा, भारत आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर कायम है।
संसद में गूंजी “सुदर्शन चक्र” की गूंज
रक्षा मंत्री Rajnath Singh ने लोकसभा में संबोधन के दौरान कहा, “हमने भगवान कृष्ण से सीखा है कि जब धर्म की रक्षा करनी हो, तो सुदर्शन चक्र उठाना ही पड़ता है।” उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि भारत ने पाकिस्तान से शांति बनाए रखने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन जब आतंक की सीमा पार हो गई, तो 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक, 2019 की बालाकोट एयर स्ट्राइक और 2025 के ऑपरेशन सिंदूर जैसी कार्रवाई करनी पड़ी।
ऑपरेशन सिंदूर: सेना की रणनीति और जवाबी प्रहार
Rajnath Singh ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने से पहले सेना ने हर पहलू का अध्ययन किया। यह सुनिश्चित किया गया कि पाकिस्तान के आम नागरिकों को नुकसान न पहुंचे, लेकिन आतंक के ठिकानों को पूरी तरह नेस्तनाबूद किया जाए। ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल जैसे संगठनों को निशाना बनाया गया, जो पाक सेना और ISI के संरक्षण में फल-फूल रहे थे।
पाकिस्तान को चेतावनी: फिर की तो फिर झेलना पड़ेगा
Rajnath Singh ने संसद में स्पष्ट किया कि अगर पाकिस्तान ने दोबारा ऐसी कायराना हरकत की, तो ऑपरेशन सिंदूर दोहराया जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी वायुसेना ने पाक मिलिट्री ठिकानों पर सटीक प्रहार किए और दुश्मन का मनोबल पूरी तरह तोड़ दिया।
पहलगाम हमले पर संसद में भावुक माहौल
Rajnath Singh ने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले को “अमानवीय और कायराना” बताया। उन्होंने कहा कि इस हमले में निर्दोष नागरिकों को उनके धर्म पूछकर मारा गया, जो अत्यंत शर्मनाक और अस्वीकार्य है। इस हमले के बाद ही ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने का निर्णय लिया गया।
विपक्ष पर निशाना, सेना पर गर्व
रक्षा मंत्री ने विपक्ष से अपील की कि देश की सुरक्षा जैसे बड़े मुद्दों से ध्यान न भटकाएं। उन्होंने कहा, “जब लक्ष्य बड़ा हो, तो छोटे मुद्दों पर ध्यान देना अनुचित है।” इस दौरान उन्होंने संसद में शहीदों को नमन किया और भारतीय सेना के पराक्रम को सलाम किया।
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