Railway Ticket New Rules: तत्काल के बाद अब कौन से टिकट बुकिंग के नियमों में क्या हुआ बदलाव कब होंगे लागू

रेलवे ने जनरल और तत्काल कोटे में वेटिंग टिकट की संख्या 25% तक सीमित कर दी है। इससे यात्रियों को बेहतर सुविधा मिलेगी और ओवरबुकिंग की समस्या से राहत मिलेगी।

Railways New Rule on Limited Waiting List Booking:रेलवे ने टिकट बुकिंग से जुड़े एक अहम फैसले में बदलाव किया है। पहले यह नियम सिर्फ तत्काल कोटे पर लागू था, लेकिन अब यह सामान्य (जनरल) कोटे की सभी श्रेणियों स्लीपर से लेकर एसी तक पर भी लागू कर दिया गया है। अब जिस स्टेशन पर जिस ट्रेन का जितना जनरल कोटा है, उस कोटे से केवल 25% अधिक वेटिंग लिस्ट टिकट ही जारी किए जाएंगे। उसके बाद उस कोटे पर “नो रूम” यानी टिकट उपलब्ध नहीं दिखेगा। यह नई व्यवस्था 17 जून सोमवार से पूरे देश में लागू हो गई है।

स्लीपर से एसी तक सभी क्लास पर लागू

रेलवे की इस नई व्यवस्था के अनुसार, अगर किसी ट्रेन के किसी स्टेशन पर स्लीपर क्लास में जनरल कोटे की 20 सीटें हैं, तो उसके बाद सिर्फ 5 या 6 वेटिंग टिकट ही बुक हो पाएंगे। थर्ड एसी में यदि 10 सीटें हैं, तो सिर्फ 2-3 वेटिंग टिकट ही मिलेंगे। सेकेंड एसी में यह संख्या और भी कम 1 से 2 टिकट तक सीमित होगी।

जरूरत से ज़्यादा वेटिंग के कारण यात्रियों को होती थी दिक्कत

रेलवे ने यह फैसला इसलिए लिया है ताकि ट्रेन में ज़रूरत से ज़्यादा वेटिंग टिकट वाले यात्री न चढ़ें और इससे यात्रियों को सफर में होने वाली परेशानी से बचाया जा सके। इससे यात्रियों को सफर के दौरान ज़्यादा भीड़, असुविधा और तनाव से राहत मिलेगी। रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक शिवेंद्र शुक्ला ने इस संबंध में सभी जोनल रेलवे को निर्देश जारी कर दिए हैं।

बड़ी ट्रेनों में पहले ही दिख रहा “नो रूम”

नई व्यवस्था लागू होते ही राजधानी, दुरंतो और लंबी दूरी की अन्य ट्रेनों में वेटिंग टिकट की सीमा जल्द पूरी हो रही है। धनबाद से चलने वाली गंगा-सतलज, अलेप्पी एक्सप्रेस और कोलकाता-जम्मूतवी जैसी ट्रेनों में स्लीपर और एसी कोटे में सीमित वेटिंग टिकट बुक होते ही “रिग्रेट” यानी नो रूम दिखने लगा है।

तत्काल कोटे में भी यही नियम लागू

रेलवे ने बताया कि यह नियम सिर्फ जनरल कोटे तक सीमित नहीं रहेगा। तत्काल टिकट बुकिंग में भी अब वेटिंग टिकट की सीमा यही होगी। हालांकि, रियायती टिकट या सरकारी वारंट पर यह नियम लागू नहीं होगा। छोटे स्टेशनों और रोड साइड स्टेशनों पर भी यह नियम प्रभावी रहेगा।

क्या करें जब टिकट बुक न हो पाए?

अगर किसी यात्री को गंतव्य स्टेशन तक “नो रूम” मिल रहा है, तो वह स्टेशन से आगे का टिकट बुक कर सकता है। उदाहरण के लिए, अगर धनबाद से बरेली तक बुकिंग नहीं हो रही तो सहारनपुर तक का टिकट बुक किया जा सकता है। इससे सीट मिलने की संभावना बढ़ जाती है, लेकिन किराया भी ज़्यादा देना होगा। बरेली तक सेकेंड एसी का किराया 1840 रुपये है, जबकि सहारनपुर तक का 2155 रुपये।

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