RCB Victory Parade Tragedy in Bengaluru,बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की ऐतिहासिक जीत का जश्न मनाने के लिए विक्ट्री परेड का आयोजन किया गया था। 18 साल बाद RCB को आईपीएल की ट्रॉफी मिली थी, जिससे फैंस की खुशी सातवें आसमान पर थी। हजारों की तादाद में लोग इस खुशी में शामिल होने के लिए स्टेडियम के बाहर इकट्ठा हो गए।
भीड़ क्यों बेकाबू हो गई?
स्टेडियम की क्षमता लगभग 35,000 लोगों की है, लेकिन बाहर 3 से 4 लाख लोग जमा हो गए। जब लोगों को स्टेडियम में घुसने का मौका नहीं मिला, तो कई लोग गेट तोड़कर अंदर घुसने की कोशिश करने लगे। इसी दौरान भगदड़ मच गई। पुलिस को हालात काबू करने के लिए बल प्रयोग करना पड़ा।
जान-माल का नुकसान
इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई और 30 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं। सभी घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये की सहायता और घायलों के मुफ्त इलाज की घोषणा की है।
नेताओं और खिलाड़ियों की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घटना पर दुख जताते हुए पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने इस हादसे को “हृदय विदारक” बताया और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इसे एक “अप्रत्याशित हादसा” कहा और क्रिकेट एसोसिएशन को जिम्मेदार ठहराया।
डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने स्थिति पर चिंता जताते हुए तुरंत अस्पताल का दौरा किया।
RCB खिलाड़ी विराट कोहली ने इंस्टाग्राम पर लिखा कि वे इस हादसे से बेहद दुखी हैं और उनके पास शब्द नहीं हैं।
BCCI उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा कि रोड शो रद्द कर दिया गया था, लेकिन स्टेडियम के बाहर की भीड़ की गंभीरता का अनुमान नहीं था।
आरसीबी का बयान
आरसीबी ने भी इस हादसे पर शोक जताते हुए कहा, “हमें लोगों की सुरक्षा की सबसे ज्यादा चिंता है। जैसे ही हमें स्थिति की जानकारी मिली, हमने अपने कार्यक्रम में तुरंत बदलाव किया और प्रशासन की सलाह पर आगे बढ़े।”
सीख और सवाल
इस हादसे ने एक बार फिर ये दिखा दिया कि बड़े आयोजनों के लिए बेहतर प्रबंधन कितना जरूरी है। अगर भीड़ का सही अनुमान लगाया गया होता और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होते, तो शायद ये दुखद हादसा टाला जा सकता था।