रायपुर ऑनलाइन डेस्क। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की तारीख का असर जमीन पर दिखना शुरू हो गया है। मार्च 2026 तक देश से समूचे नक्सलवाद के खात्में को लेकर सुरक्षाबलों की तरफ से आजाद भारत का सबसे बड़ा ऑपरेशन लांच कर दिया गया है। ये ऑपरेशन बीते 72 घंटों से छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के बार्डर स्थित एक पहाड़ी पर चल रहा है। सूत्रों के अनुसार, पहाड़ी पर नक्सल कमांडर हिडमा, देवा और दमोदर के साथ ही 1000 नक्सली मौजूद हैं, जिन्हें 20 हजार जवानों ने चारों तरफ से घेरा हुआ है। एनकाउंटर के दौरान सुरक्षाबल के जवानों ने 5 नक्सलियों को ढेर भी कर दिया है।
अभियान में अभी तक पांच नक्सली मारे गए
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद को खत्म करने के लिए 31 मार्च, 2026 की समयसीमा तय की है। इसी के बाद सुरक्षाबलों के जवान छत्तीसगढ़ में बड़े ऑपरेशनों को अंजाम दे रहे हैं। सुरक्षाबलों को सूचना मिली थी कि करीब 1000 नक्सली बीजापुर स्थित एक पहाड़ी पर ढेरा जमाए हुए हैं। जिनमें मोस्ट वांटेड कमांडर हिडमा और बटालियन प्रमुख देवा भी शामिल है। सटीक सूचना पर 20 हजार जवानों ने पूरी पहाड़ी को चारों तरफ से घेर लिया है और 72 घंटे से अधिक समय से एनकाउंटर जारी है। देश में अब तक का सबसे बड़ा नक्सल विरोधी अभियान कहा जा रहा है। छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र के सुरक्षाकर्मियों की भागीदारी वाले इस अभियान में अभी तक पांच नक्सली मारे गए हैं।
बटालियन नंबर 1 का बेस
इस ऑपरेशन में छत्तरसगढ़ की जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), बस्तर फाइटर्स, स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ), राज्य पुलिस की सभी इकाइयों के साथ-साथ केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और इसके विशिष्ट कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन (कोबरा) सहित विभिन्न इकाइयों के सुरक्षाकर्मी शामिल हैं। सुरक्षा बलों ने संवेदनशील छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा पहाड़ियों को घेर लिया है, ताकि नक्सलियों के भागने के सभी रास्ते बंद हो जाएं। घने जंगलों और पहाड़ियों की श्रृंखला से घिरा यह इलाका माओवादियों की बटालियन नंबर 1 का बेस माना जाता है। बताया जा रहा है कि नक्सली कमांडर हिडमा यहीं से बैठकर सुरक्षाबलों के खिलाफ अभियान को संचालित कर रहा था। सूत्र बताते हैं कि नक्सलियों के भाग जानें के सारे रास्ते बंद कर दिए गए हैं।
बड़ी संख्या में आईईडी लगाए गए
कुछ दिन पहले नक्सलियों ने एक प्रेस नोट जारी कर ग्रामीणों को पहाड़ियों में प्रवेश न करने की चेतावनी देते हुए कहा था कि इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में आईईडी लगाए गए हैं। बता दें, इस ऑपरेशन से ठीक पहले माओवादियों की तरफ से दो प्रेस नोट जारी किए गए थे। प्रेस नोट में कहा गया था कि वह सरकार के साथ बातचीत करने को तैयार हैं। माओवादियों ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की थी कि नक्सलवाद के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन को एक माह तक के लिए रोका जाए। शांति का माहौल बनाया जाए। छत्तीसगढ़ सरकार की तरफ से इस पर कहा गया था कि पहले नक्सली हथियार डाले और सरेंडर करें। उन्हें मुख्यधारा में शामिल किया जाएगा।
पहाड़ियों पर नक्सलियों के बंकर
सूत्र बताते हैं कि सुरक्षाबल के जवान पहली बार हेलीकाप्टर का इस्तेमाल कर रहे हैं। गर्मी ज्यादा होने के चलते रसद समाग्री हेलीकॉप्टर के जरिए पहुंचाई जा रही है। सूत्र बताते हैं कि ये ऑपरेशन लंबा खिच सकता है। इससे पहले सुरक्षाबल की टीम ने अपने सर्च ऑपरेशन में बीजापुर के पहाड़ी पर कंक्रीट स्लैब से बने बंकर जैसे दिखने वाले एक कमरे समेत 12 नक्सली ठिकानों पर पता लगाया और उसे नष्ट कर दिया। इस बारे में जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि ये ऑपरेशन सीआरपीएफ की स्पेशल यूनिट कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रिजोल्यूट एक्शन) की 208वीं बटालियन द्वारा जीदपल्ली शिविर से चलाया गया। सूत्र बताते हैं कि पहाड़ियों पर नक्सलियों के बंकर हैं। बड़े कमांडर इन्हीं बंकरों में छिपे हुए हैं।
एमआई 17 हेलिकॉप्टर
सूत्र बताते हैं कि नक्सलियों का सेंट्रल कमेटी मेंबर हिडमा, देवा और कई बड़े नक्सली लीडर घिरे हुए हैं। नक्सलियों ने पूरे पहाड़ी में प्रेशर आईईडी लगा रखा है। प्रेशर आईईडी को डीमाइन करके फोर्स आगे बढ़ रही है। एमआई 17 हेलिकॉप्टर से लेकर एंबुलेंस और एएलएम तक तैनात किए गए हैं। बता दें, हेडमा छत्तीसगढ़ के पूर्वती गांव का रहने वाले हैं। हिडमा पर एक करोड़ का इनाम है। हिडमा और देवा सुरक्षाबलों की रडार पर थे। कुछ दिन पहले सुरक्षाबलों ने दोनों को एक पहाड़ पर घेर लिया था। लेकिन दोनों नक्सली कमांडर भागने में सफल रहे थे। दोनों यहां से भागकर अपने बेस कैंप पर पहुंचे थे। सुरक्षाबल के जवान दोनों की तालाश में लगातार ऑपरेशन चलाए हुए थे।
124 नक्सलियों का खात्मा बस्तर संभाग में हुआ
अगर 2024 की बात करें तो सुरक्षाबलों ने 239 नक्सलियों को ढेर किया। साल 2024 में जवानों ने 1033 नक्सलियों को गिरफ्तार किया, जबकि 925 ने आत्मसमर्पण किया था। छत्तीसगढ़ के बीजापुर में 9 फरवरी 2025 को जवानों ने 31 नक्सलियों को मार गिराया था। साल 2025 की ये सबसे बड़ी मुठभेड़ रही। इस साल अब तक छत्तीसगढ़ में अलग-अलग मुठभेड़ों में करीब 150 नक्सली मारे जा चुके हैं। इनमें से 124 नक्सलियों का खात्मा बस्तर संभाग में हुआ है, जिसे नक्सलियों का गढ़ माना जाता है। कुछ दिन पहले एक करोड़ की इनामी महिला नक्सली कमांडर रेणुका को एनकाउंटर में ढेर किया गया था। रेणुका माओवाद संगठन द्धारा चलाए जा रहे अखबार-पत्रिकाओं की संपादक थी।