Sindoor Farming अगर आपके पास कोई खाली पड़ी ज़मीन है और आप चाहते हैं कि उससे अच्छी-खासी आमदनी हो, तो सिंदूर की खेती आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प बन सकती है। जी हां, जिस सिंदूर को हम पूजा-पाठ में इस्तेमाल करते हैं, वही अब खेती के जरिए किसानों की कमाई का नया जरिया बन रहा है। देश के कई हिस्सों में किसान इसकी खेती कर लाखों रुपये कमा रहे हैं।
सिंदूर क्यों बन रही है ये बेहतर फसल?
हर साल धान और गेहूं जैसी पारंपरिक फसलों पर खर्च बढ़ता जा रहा है, लेकिन मुनाफा वैसा नहीं मिल पा रहा। ऐसे में कई किसान अब ऐसी फसल की तलाश में हैं जिसमें लागत कम हो और फायदा ज़्यादा मिले। सिंदूर का पेड़ यानी बिक्सा ओरेलाना इसी उम्मीद पर खरा उतरता है।
सिंदूर का पेड़ क्या होता है?
इस पेड़ को आम भाषा में कुमकुम का पेड़ या एनाट्टो ट्री कहा जाता है। इसके फल के अंदर लाल-नारंगी रंग के बीज होते हैं, जिनसे ‘एनाट्टो’ नाम का प्राकृतिक रंग निकलता है। इस रंग का इस्तेमाल मेकअप प्रोडक्ट्स, खाने के रंग और आयुर्वेदिक दवाओं में होता है। पूरी दुनिया में इस रंग की मांग दिन-ब-दिन बढ़ रही है।
किसान क्यों पसंद कर रहे हैं यह खेती?
आज का किसान रसायन से भरी खेती से हटकर जैविक और टिकाऊ खेती की तरफ बढ़ रहा है। सिंदूर का पेड़ न सिर्फ प्राकृतिक होता है, बल्कि इसे उगाना भी बेहद आसान है। इस पेड़ में कीड़े नहीं लगते और ज्यादा देखभाल की जरूरत भी नहीं होती, जिससे खर्च बेहद कम होता है और कमाई कई गुना बढ़ जाती है।
कम लागत, ज्यादा मुनाफा
सिंदूर के पेड़ को एक बार लगाने पर यह 15-20 साल तक फल देता है। एक एकड़ ज़मीन में 400 से 500 पौधे लगाए जा सकते हैं और हर पेड़ से सालाना करीब ₹900 की आमदनी होती है। मतलब अगर आपने 500 पेड़ लगाए, तो सालाना ₹4 से ₹4.5 लाख की कमाई हो सकती है। सबसे बड़ी बात एक पेड़ लगाने की लागत सिर्फ ₹30 से ₹50 है।
फसल बेचने के लिए बाजार की कमी नहीं
आज देशभर में ब्यूटी प्रोडक्ट्स बनाने वाली कंपनियां, आयुर्वेद ब्रांड, फूड प्रोसेसिंग कंपनियां और निर्यातक सिंदूर की फसल को खरीदने के लिए आगे आ रहे हैं। कई किसान सीधे कंपनियों से अनुबंध कर फसल बेचते हैं और अच्छा मुनाफा कमाते हैं।