Genral knowledge: भारतीय खाने में गरम मसाला ऐसा मसाला है, जो किसी भी सब्जी, दाल या ग्रेवी का स्वाद और खुशबू दोगुनी कर देता है। पहले दादी-नानी ताजे मसालों को पीसकर गरम मसाला बनाती थीं, लेकिन अब रेडीमेड मसाले हर जगह मिल जाते हैं। पर क्या आपने कभी सोचा है कि इसे ‘गरम मसाला’ क्यों कहते हैं? चलिए, इसका राज़ खोलते हैं।
गरम मसाला’ नाम क्यों पड़ा?
फूड हिस्टोरियन शेफ रणवीर बरार के मुताबिक, इसका नाम इसलिए पड़ा क्योंकि इसमें मौजूद मसालों की तासीर गरम होती है। यानी ये आपके शरीर को अंदर से गर्म रखते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, गरम मसाला खाने से शरीर की अंदरूनी गर्मी (body heat) बढ़ती है, जिससे यह पाचन में सुधार करता है और मेटाबॉलिज्म तेज करता है। इसमें मौजूद लौंग, काली मिर्च, दालचीनी, तेज पत्ता और इलायची शरीर में ऊष्मा उत्पन्न करते हैं, जिससे ठंड के मौसम में यह बहुत फायदेमंद होता है।पहले यह मसाला सिर्फ सर्दियों में इस्तेमाल होता था, लेकिन धीरे-धीरे यह भारतीय खाने का अभिन्न हिस्सा बन गया। हर घर में इसे अपनी पसंद के अनुसार तैयार किया जाता है, इसीलिए हर घर का गरम मसाला थोड़ा अलग स्वाद देता है!
घर पर कैसे बनाएं ताज़ा गरम मसाला?
ज़रूरी सामग्री
1 कप धनिया
3 चम्मच जीरा
2-3 बड़ी इलायची
2 इंच दालचीनी
8-10 हरी इलायची
8 लौंग
1 चक्र फूल
2 तेज पत्ता
3-4 बेदगी लाल मिर्च (ऑप्शनल)
आधा चम्मच नमक (स्वाद के लिए)
बनाने का तरीका
सभी मसालों को धीमी आंच पर हल्का भून लें।
भूनने के बाद मसालों को ठंडा कर लें।
ठंडे मसालों को मिक्सी में पीसकर बारीक पाउडर बना लें। तैयार गरम मसाले को एयरटाइट कंटेनर में स्टोर करें।
घर का बना गरम मसाला क्यों बेहतर है?
इसमें कोई केमिकल या प्रिजर्वेटिव नहीं होता।आप अपनी पसंद के अनुसार मसाले एडजस्ट कर सकते हैं।इसका स्वाद और खुशबू रेडीमेड मसालों से कहीं ज्यादा बेहतर होता है। यह 6-7 महीने तक ताजा बना रहता है।