सुप्रीम कोर्ट ने भड़काऊ बयान पर कसा शिकंजा, हाईकोर्ट की कड़ी नजर और पुलिस जांच पर नाराजगी

मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए उन्हें फटकार लगाई है। कोर्ट ने उनकी भाषा को मंत्री पद के खिलाफ बताया।

Supreme Court

Supreme Court reprimand: सुप्रीम कोर्ट ने 15 मई को मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कुंवर विजय शाह द्वारा भारतीय सेना की महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर सख्त रुख अपनाया। शीर्ष अदालत ने मंत्री की भाषा पर तीखी नाराजगी जताते हुए पूछा, “मंत्री होकर आप कैसी भाषा बोलते हैं?” इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि आगे की कार्रवाई तथ्य और कानून के अनुसार ही होगी। यह टिप्पणी ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान हुई मीडिया ब्रीफिंग में शाह के कथित अभद्र वक्तव्य से जुड़ी है, जिसने देशभर में हलचल मचा दी।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए शाह के खिलाफ कोर्ट की निगरानी में जांच के आदेश दिए हैं। 14 मई को कोर्ट ने पुलिस को शाह के खिलाफ FIR दर्ज करने का निर्देश दिया था, लेकिन दर्ज एफआईआर की गुणवत्ता पर न्यायालय ने नाराजगी जताई और इसे खराब तरीके से तैयार बताया। जस्टिस श्रीधरन और जस्टिस शुक्ला की खंडपीठ ने कहा कि शाह का बयान सांप्रदायिक तनाव भड़काने वाला था और देश की एकता के लिए खतरा बन सकता है। पुलिस जांच को गंभीरता से पूरा करने के लिए कोर्ट ने सख्त निर्देश दिए हैं। शाह ने अपने बयान के लिए माफी मांगी, लेकिन विपक्ष उनकी बर्खास्तगी की मांग पर अड़ गया है। यह मामला अब राजनीतिक और सामाजिक विवाद का केंद्र बना हुआ है, और हाईकोर्ट पूरी नजर रखेगा कि जांच निष्पक्ष और प्रभावी हो।

हाईकोर्ट ने कहा- “गटर जैसी भाषा”, दर्ज हुआ मामला

14 मई 2025 को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इस मामले को बेहद गंभीर मानते हुए विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। अदालत ने उनकी टिप्पणी को “गटर की भाषा” कहा और इसे महिलाओं के सम्मान और सेना की गरिमा के विरुद्ध करार दिया। कोर्ट के मुताबिक, एक कैबिनेट मंत्री की ओर से इस तरह की टिप्पणी न केवल कर्नल सोफिया के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचाती है, बल्कि इससे भारतीय सेना की प्रतिष्ठा पर भी सवाल खड़े होते हैं। आदेश के तहत आईपीसी की गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई, जिसमें सात साल तक की सजा का प्रावधान है।

Supreme Court की फटकार, 16 मई को अगली सुनवाई

विजय शाह ने हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए Supreme Court का रुख किया, लेकिन यहां भी उन्हें राहत नहीं मिली। 15 मई को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि मंत्री की भाषा अस्वीकार्य है और उन्होंने अपने पद की गरिमा को ठेस पहुंचाई है। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 16 मई की तारीख तय की है और कहा है कि मामले में कानून के तहत उचित निर्णय लिया जाएगा।

सोशल मीडिया पर समर्थन, विपक्ष का हमला

यह मामला तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। हजारों लोग कर्नल सोफिया के समर्थन में सामने आए हैं और विजय शाह के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। वहीं, विपक्षी दलों ने इसे महिलाओं और सेना के प्रति भाजपा सरकार के “दृष्टिकोण” का प्रतिबिंब बताया है।

यह विवाद अब राष्ट्रीय स्तर पर गरमाया हुआ है और आने वाले दिनों में इसका असर मध्य प्रदेश की राजनीति पर भी दिख सकता है।

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