Supreme Court TET Decision: शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। देश के सभी स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए अब टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET) पास करना अनिवार्य कर दिया गया है। अदालत ने साफ कहा है कि कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने वाले शिक्षकों के लिए TET अनिवार्य होगा और यह नियम न केवल नए शिक्षकों बल्कि पहले से कार्यरत शिक्षकों पर भी लागू होगा। जिन शिक्षकों की सेवा में 5 साल से अधिक शेष है, उन्हें 2 साल के भीतर TET पास करना होगा, अन्यथा इस्तीफा देना होगा। यह निर्णय शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने, योग्य शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित करने और छात्रों को बेहतर भविष्य देने की दिशा में क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला: शिक्षा के लिए मील का पत्थर
1 सितंबर 2025 को Supreme Court ने देश की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा देने वाला बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने साफ कहा है कि कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों के लिए TET पास करना अनिवार्य होगा।
- नए शिक्षकों के लिए यह नियम तुरंत लागू होगा।
- पहले से कार्यरत शिक्षकों में से जिनकी सेवा में 5 साल से अधिक समय शेष है, उन्हें 2 साल के भीतर TET पास करना होगा।
- जिनकी सेवा अवधि 5 साल से कम है, उन्हें राहत दी गई है, लेकिन अगर वे प्रमोशन चाहते हैं, तो उन्हें भी TET पास करना अनिवार्य होगा।
यह फैसला अंजुमन इशात-ए-तालीम ट्रस्ट बनाम महाराष्ट्र राज्य मामले में आया, जिसमें जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने शिक्षा की गुणवत्ता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ऐतिहासिक निर्णय दिया।
TET परीक्षा क्या है और क्यों है ज़रूरी?
टीचर एलिजिबिलिटी टेस्ट (TET), राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (NCTE) द्वारा निर्धारित एक परीक्षा है, जो यह तय करती है कि कोई उम्मीदवार कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने के लिए योग्य है या नहीं।
- CTET: केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, केंद्रीय स्कूल आदि में भर्ती के लिए।
- राज्य TET: यूपीटीईटी, टीएनटीईटी, ओटीईटी आदि राज्य स्तरीय परीक्षाएं।
- सुपर TET: कुछ राज्यों में TET के बाद आयोजित की जाने वाली अतिरिक्त योग्यता परीक्षा।
TET की अनिवार्यता का उद्देश्य शिक्षण पेशे में उच्च मानक स्थापित करना है, जिससे छात्रों को योग्य और प्रशिक्षित शिक्षक मिलें।
फैसले के बड़े फायदे
1. शिक्षा की गुणवत्ता में ऐतिहासिक सुधार
यह Supreme Court फैसला सीधे तौर पर शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाएगा। TET पास करने वाले शिक्षक ही बच्चों को पढ़ाएंगे, जिससे छात्रों की नींव मजबूत होगी और देश की नई पीढ़ी बेहतर शिक्षा पाएगी।
2. राष्ट्रीय स्तर पर एकरूपता
अब तक अलग-अलग राज्यों में शिक्षक भर्ती के मानक अलग थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद पूरे देश में एक समान मानक लागू होगा। इससे शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष बनेगी।
3. छात्रों का भविष्य सुरक्षित
छात्रों को अब प्रशिक्षित, योग्य और प्रमाणित शिक्षक पढ़ाएंगे। इससे न केवल उनकी शिक्षा की गुणवत्ता सुधरेगी, बल्कि देश की अगली पीढ़ी भी ज्ञान और कौशल में सशक्त बनेगी।
4. नए शिक्षकों के लिए समान अवसर
TET की अनिवार्यता के बाद अब केवल योग्यता के आधार पर भर्ती होगी। यह कदम भ्रष्टाचार, पक्षपात और सिफारिश की संस्कृति पर रोक लगाएगा।
5. राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के अनुरूप
यह फैसला राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की भावना को मजबूती प्रदान करता है, जो योग्य शिक्षकों की नियुक्ति और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार को प्राथमिकता देती है।
पुराने शिक्षकों के लिए चुनौती और समाधान
हालांकि पुराने शिक्षकों पर TET पास करने का दबाव होगा, लेकिन सरकार ने संकेत दिया है कि उनके लिए विशेष कोचिंग, प्रशिक्षण कार्यक्रम और अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी।
- ग्रामीण और दूरदराज़ क्षेत्रों के शिक्षकों के लिए ऑनलाइन कोचिंग की सुविधा शुरू की जाएगी।
- वरिष्ठ शिक्षकों को दो बार तक अतिरिक्त अवसर देने पर भी विचार हो रहा है।
- परीक्षा पैटर्न को सरल और प्रैक्टिकल आधारित बनाने की संभावना भी है।
अल्पसंख्यक संस्थानों पर असमंजस
अल्पसंख्यक शैक्षणिक संस्थानों पर TET की अनिवार्यता लागू होगी या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला टाल दिया है।
- इस मामले को 7 जजों की बड़ी बेंच के पास भेजा गया है।
- तब तक इन संस्थानों के शिक्षकों को कोई तत्काल राहत नहीं है।
- हालांकि, अंतिम निर्णय आने तक भर्ती और प्रमोशन की प्रक्रिया मौजूदा नियमों के अनुसार ही चलेगी।
सरकार की तैयारी और आगे की राह
केंद्र और राज्य सरकारें इस फैसले को लागू करने के लिए राष्ट्रीय कार्ययोजना पर काम कर रही हैं।
- NCTE द्वारा जल्द ही नई गाइडलाइन जारी होगी।
- ऑनलाइन पोर्टल के जरिए आवेदन, प्रशिक्षण और परीक्षा की तैयारी की सुविधाएं दी जाएंगी।
- ग्रामीण क्षेत्रों के शिक्षकों के लिए विशेष स्कॉलरशिप और प्रशिक्षण केंद्र खोलने की योजना है।
शिक्षा में क्रांति की शुरुआत
Supreme Court का यह फैसला भारत की शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव की दिशा में ऐतिहासिक कदम है।
- यह योग्य शिक्षकों की नियुक्ति सुनिश्चित करेगा।
- शिक्षा में पारदर्शिता और गुणवत्ता बढ़ाएगा।
- छात्रों को बेहतर अवसर और मजबूत नींव प्रदान करेगा।
सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में भारत की शिक्षा प्रणाली वैश्विक मानकों पर खरा उतरे। TET की अनिवार्यता इस सपने को साकार करने की दिशा में पहला और सबसे बड़ा कदम है।