• About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact
Wednesday, September 10, 2025
news 1 india
  • Login
  • Home
  • News
    • Politics
    • Business
    • World
    • Science
  • Entertainment
    • Gaming
    • Music
    • Movie
    • Sports
  • Tech
    • Apps
    • Gear
    • Mobile
    • Startup
  • Lifestyle
    • Food
    • Fashion
    • Health
    • Travel
No Result
View All Result
news 1 india
No Result
View All Result
Home राष्ट्रीय

15 february तारापुर शहीद दिवस जब तिरंगा फहराने को खाई थी सीने पर गोलियां, भारत की आजादी की अनसुनी गाथा

तारापुर गोलीकांड 15 फरवरी 1932 को हुआ था, जब अंग्रेजों ने 50 से ज्यादा स्वतंत्रता सेनानियों को गोली मार दी। उनका अपराध सिर्फ इतना था कि वे तारापुर थाना पर तिरंगा फहराना चाहते थे।

by SYED BUSHRA
February 15, 2025
in राष्ट्रीय
0
Tarapur massacre 1932
491
SHARES
1.4k
VIEWS
Share on FacebookShare on Twitter

Tarapur massacre 1932 :  15 फरवरी का दिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में खास जगह रखता है। यही वह दिन था जब 1932 में बिहार के मुंगेर जिले के तारापुर थाना पर तिरंगा फहराने की कोशिश कर रहे 60 से ज्यादा देशभक्तों को अंग्रेजों ने गोलियों से भून दिया था। आज भी इस दिन को ‘तारापुर शहीद दिवस’ के रूप में याद किया जाता है, लेकिन इस घटना की चर्चा बहुत कम होती है। यह एक ऐसी कहानी है, जिसे जानना और अगली पीढ़ी तक पहुँचाना जरूरी है।

कैसे शुरू हुई थी यह क्रांति

तारापुर का इलाका आजादी की लड़ाई में पहले से ही काफी सक्रिय था। यहां के लोग अपनी मातृभूमि के लिए सब कुछ कुर्बान करने को तैयार थे। जब 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी दी गई, तब पूरे देश में गुस्से की लहर दौड़ गई। बिहार भी इससे अछूता नहीं था।

Related posts

Violence in Nepal: नेपाल में हालात और बिगड़े,हिंसा बढ़ी, सेना ने कर्फ्यू लगाया, क्या भारत की सीमा पर भी मंडरा रहा खतरा

Violence in Nepal: नेपाल में हालात और बिगड़े,हिंसा बढ़ी, सेना ने कर्फ्यू लगाया, क्या भारत की सीमा पर भी मंडरा रहा खतरा

September 10, 2025
Bihar Election

Bihar Election : बिहार में आने वाले हैं चुनाव, 4 लेन हाईवे के साथ हुआ डबल ट्रैक का ऐलान

September 10, 2025

1932 में जब गांधी-इरविन समझौता तोड़ा गया, तो कांग्रेस ने ऐलान किया कि सरकारी भवनों से अंग्रेजों का झंडा उतारकर वहाँ तिरंगा फहराया जाएगा। इस फैसले के तहत 13 फरवरी को सुपौर के जमुआ गाँव में तय किया गया कि 15 फरवरी को तारापुर थाना पर तिरंगा लहराया जाएगा। इस मिशन की जिम्मेदारी मदन गोपाल सिंह के नेतृत्व में 5 लोगों के एक धावा दल को दी गई।

15 फरवरी 1932 का खौफनाक दिन

दोपहर होते ही सैकड़ों देशभक्त हाथों में तिरंगा और होठों पर ‘वंदे मातरम’ के नारे लिए तारापुर थाना की ओर बढ़ने लगे। अंग्रेजी सरकार को इस आंदोलन की भनक लग चुकी थी, इसलिए पहले से ही पुलिस तैनात थी। जैसे ही लोग थाना भवन के पास पहुँचे, अंग्रेज कलेक्टर ई. ओली और एसपी डब्ल्यू. फ्लैग ने गोलियां चलाने का आदेश दे दिया।

देशभक्तों ने बिना डरे आगे बढ़ते हुए तिरंगा फहराने की कोशिश की, लेकिन अंग्रेजों की गोलियां चलती रहीं। 50 से ज्यादा क्रांतिकारी मौके पर ही शहीद हो गए, लेकिन आखिरकार उनकी शहादत रंग लाई और तिरंगा थाना भवन पर लहराया गया।

शहीदों के शव गंगा में बहा दिए गए

इस गोलीकांड के बाद अंग्रेजों ने अमानवीयता की सारी हदें पार कर दीं। शहीद हुए लोगों के शवों को उठाकर गाड़ियों में भरा गया और उन्हें गंगा नदी में बहा दिया गया। इस घटना में 13 शहीदों की पहचान हो पाई, जबकि 31 शव अज्ञात रहे। कुछ तो हमेशा के लिए गंगा की लहरों में समा गए।

पहचाने गए कुछ शहीद

चंडी महतो (चोरगांव)

शीतल चमार (जलालाबाद)

शुक्कल सोनार (तारापुर)

संत पासी (तारापुर)

झोंटी झा (सतखरिया)

विश्वनाथ सिंह (छतहरा)

गैबी सिंह (महेशपुर)

इतिहास के पन्नों में दबी इस घटना का जिक्र कहाँ-कहाँ हुआ

18 फरवरी 1932 को बिहार-उड़ीसा विधान परिषद में सच्चिदानंद सिन्हा ने इस घटना पर सवाल उठाया था, जिसे ब्रिटिश अधिकारियों ने स्वीकार भी किया।

ब्रिटिश संसद में भारत के सचिव सर सैमुअल होर ने भी तारापुर गोलीकांड की जानकारी दी थी।

डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने अपनी आत्मकथा में इस घटना को विस्तार से लिखा है।

पंडित नेहरू ने 1942 में तारापुर यात्रा के दौरान इस बलिदान का जिक्र किया था।

इतिहासकार डी.सी. डिंकर ने अपनी किताब ‘स्वतंत्रता संग्राम में अछूतों का योगदान’ में संत पासी की भूमिका का विशेष उल्लेख किया है।

आज़ादी के बाद भुला दिया गया बलिदान

आजादी के बाद कुछ वर्षों तक 15 फरवरी को ‘तारापुर शहीद दिवस’ के रूप में मनाया जाता रहा, लेकिन धीरे-धीरे इस घटना को भुला दिया गया। 1984 में तत्कालीन मुख्यमंत्री चंद्रशेखर सिंह ने तारापुर थाना के सामने शहीद स्मारक बनवाया, लेकिन इसके अलावा इस बलिदान को वह सम्मान नहीं मिला, जो मिलना चाहिए था।

क्या कहा प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने

31 जनवरी 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में तारापुर के शहीदों को याद किया और उनकी वीरता को नमन किया। 15 फरवरी 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तारापुर शहीद स्मारक का अनावरण किया और शहीद पार्क का लोकार्पण किया।

यह बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता

तारापुर गोलीकांड सिर्फ एक घटना नहीं थी, यह आजादी के लिए मर-मिटने वाले वीरों की सच्ची कहानी थी। ये वो लोग थे, जिन्होंने बिना किसी हथियार के, सिर्फ अपनी हिम्मत और देशभक्ति के दम पर अंग्रेजों के सामने सीना तानकर खड़े हो गए थे। आज यह हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम उनके बलिदान को याद रखें और आने वाली पीढ़ियों को भी इसके बारे में बताएं।
अंग्रेजों ने उनके शव गंगा में बहा दिए। यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम की सबसे बड़ी और अनसुनी गाथाओं में से एक है।

Tags: Bihar heritagefreedom struggleIndian history
Share196Tweet123Share49
Previous Post

Aligarh News: मैं जिंदा हूं… आठ महीने से अफसरों को बता रहे भगवंत, पेंशन बहाली का कोई हल नहीं

Next Post

CBSE board examination 2025 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं आज से शुरू जानिए परीक्षा की तैयारी के लिए टिप्स

SYED BUSHRA

SYED BUSHRA

Next Post
CBSE board exams 2024 guidelines and preparation tips

CBSE board examination 2025 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं आज से शुरू जानिए परीक्षा की तैयारी के लिए टिप्स

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

UPCA
Rinku Singh

शादी से पहले किसके हनीमून पर जा चुके हैं रिंकू…जानने के लिए पढ़ें ये पूरी खबर

September 10, 2025
Violence in Nepal: नेपाल में हालात और बिगड़े,हिंसा बढ़ी, सेना ने कर्फ्यू लगाया, क्या भारत की सीमा पर भी मंडरा रहा खतरा

Violence in Nepal: नेपाल में हालात और बिगड़े,हिंसा बढ़ी, सेना ने कर्फ्यू लगाया, क्या भारत की सीमा पर भी मंडरा रहा खतरा

September 10, 2025
कौन हैं सुशीला कार्की, जो बन सकती हैं नेपाल की कार्यवाहक प्रधानमंत्री, जानें बालेंद्र, गुरुंग और ‘रैंडम नेपाली’ को क्यों नहीं मिली कुर्सी

कौन हैं सुशीला कार्की, जो बन सकती हैं नेपाल की कार्यवाहक प्रधानमंत्री, जानें बालेंद्र, गुरुंग और ‘रैंडम नेपाली’ को क्यों नहीं मिली कुर्सी

September 10, 2025
Rahul Gandhi

रायबरेली में दौरे से पहले गजब के पोस्टर ने खींचा सभी का ध्यान, हर तरफ हो रही चर्चा

September 10, 2025
Bihar Election

Bihar Election : बिहार में आने वाले हैं चुनाव, 4 लेन हाईवे के साथ हुआ डबल ट्रैक का ऐलान

September 10, 2025
UP Roads Expansion and Repair Plan

Yogi goverment ने 1000 करोड़ की परियोजनाओं को दी मंजूरी,सड़कों का होगा कायाकल्प,कई जिलों की बदलेगी तस्वीर

September 10, 2025
Banana Purchase Scam in Uttarakhand

Uttarakhand में 35 लाख के केले का झमेला, हाई कोर्ट ने BCCI को क्यों भेजा नोटिस, क्या है पूरा मामला

September 10, 2025
Kanpur News

“राखी नहीं, रानी बनाकर रखूंगा…” — कानपुर का शातिर ठग, प्यार के जाल में फंसाकर 20 लड़कियों से की ठगी!

September 10, 2025
Violence in Nepal: नेपाल में हिंसक प्रदर्शन के बीच क्यों हुआ पशुपतिनाथ मंदिर पर हमला,बिहार के मंत्री ने जताई चिंता

Violence in Nepal: नेपाल में हिंसक प्रदर्शन के बीच क्यों हुआ पशुपतिनाथ मंदिर पर हमला,बिहार के मंत्री ने जताई चिंता

September 10, 2025
Nepal News

नेपाल में फंसे भारतीयों के लिए सीएम योगी ने बढ़ाया मदद का हाथ, इन नंबरों पर कॉल करने से मिलेगी तुरंत मदद

September 10, 2025
news 1 india

Copyright © 2017 JNews.

Navigate Site

  • About
  • Advertise
  • Privacy & Policy
  • Contact

Follow Us

No Result
View All Result
  • Home
  • News
    • Politics
    • Business
    • World
    • Science
  • Entertainment
    • Gaming
    • Music
    • Movie
    • Sports
  • Tech
    • Apps
    • Gear
    • Mobile
    • Startup
  • Lifestyle
    • Food
    • Fashion
    • Health
    • Travel

Copyright © 2017 JNews.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

Go to mobile version