Medical news: आपने कभी ये सोचा है कि ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर हरे रंग के कपड़े क्यों पहनते हैं? ऐसा नहीं है कि ये बस एक फैशन ट्रेंड है। इसके पीछे कुछ दिलचस्प वजहें हैं, जो वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक कारणों से जुड़ी हुई हैं। आइए जानते हैं!
हरे रंग की शुरुआत
हरे रंग के कपड़े पहनने की शुरुआत 1914 में हुई थी। तब एक डॉक्टर ने सफेद रंग के कपड़े की जगह हरा रंग अपनाया और फिर धीरे-धीरे ये आदत बन गई। अब ज्यादातर डॉक्टर सर्जरी के दौरान हरे रंग के कपड़े पहनते हैं, हालांकि कुछ डॉक्टर अब भी सफेद या नीले कपड़े पहनते हैं।
आंखों को आराम मिलता है
सोचिए, ऑपरेशन करते समय डॉक्टरों को घंटों तक खून (जो कि लाल रंग का होता है) देखना पड़ता है। अगर उनके कपड़े भी लाल रंग के होते, तो उनकी आंखों पर बहुत दबाव पड़ता। हरा और नीला रंग आंखों के लिए आरामदेह होते हैं। ये रंग आंखों को शांत रखते हैं और उनकी नजर को साफ बनाए रखते हैं।
तनाव कम करने में मदद
सर्जरी के दौरान डॉक्टरों और उनके स्टाफ को काफी तनाव और दबाव का सामना करना पड़ता है। हरे और नीले रंग के कपड़े पहने से उनका मानसिक तनाव कम होता है। ये रंग मानसिक स्थिति को शांत रखते हैं, जिससे डॉक्टर अपने काम पर पूरी तरह से ध्यान दे के कर पाते हैं।
गंदगी और संक्रमण से सुरक्षा
हरे और नीले कपड़े सफेद के मुकाबले ज्यादा गंदगी छिपा लेते हैं। सफेद रंग पर धब्बे और गंदगी आसानी से दिखने लगती है, जबकि हरे रंग पर ऐसा नहीं होता। इस कारण से ऑपरेशन के दौरान संक्रमण फैलने का खतरा भी कम हो जाता है।
मनोवैज्ञानिक शांति
हरा और नीला रंग मन को शांति देता है। जब डॉक्टरों के आसपास ये रंग होते हैं, तो उनका मानसिक तनाव कम होता है और वे बेहतर काम कर पाते हैं। ऑपरेशन के दौरान मानसिक शांति बहुत जरूरी होती है, और ये रंग उस शांति को बनाए रखने में मदद करते हैं।