Neeraj Chopra, World Athletics Championships:अमेरिका के यूजीन में चल रही 18वें वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में ओलंपिक के गोल्डन बॉय भाला फेंक (Javelin throw) खिलाड़ी नीरज चोपड़ा ने वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में इतिहास रच दिया है. नीरज ने जेवलिन थ्रो फाइनल में 88.13 मीटर के सर्वश्रेष्ठ प्रयास के साथ विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में सिल्वर पदक जीतने वाले पहले भारतीय पुरुष एथलीट बनकर इतिहास रच दिया. एंडरसन पीटर्स ने गोल्ड मेडल (90.46 मीटर) के बेस्ट प्रयास के साथ जीता.
भारत के लिये विश्व चैम्पियनशिप में एकमात्र पदक 2003 में पेरिस में अंजू बॉबी जॉर्ज ने लंबी कूद में कांस्य जीता था . फाउल से शुरूआत करने वाले चोपड़ा ने शानदार वापसी करते हुए दूसरे प्रयास में 82 . 39, तीसरे में 86 . 37 और चौथे प्रयास में 88 .13 मीटर का थ्रो फेंका.
ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स ने 90 . 46 मीटर के साथ स्वर्ण पदक जीता जबकि चेक गणराज्य के याकूब वालडेश को कांस्य पदक मिला. भारत के रोहित यादव 78 . 72 मीटर के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ दसवें स्थान पर रहे.
बता दें कि नीरज ने इस टूर्नामेंट में पदक जीतकर रिकॉर्ड बना दिया . वह इस टूर्नामेंट के इतिहास में ऐसा करने वाले पहले भारतीय पुरुष एथलिट बन गए. उनसे पहले महिलाओं में दिग्गज एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज ने साल 2003 में ऐतिहासिक कांस्य पदक इस टूर्नामेंट में जीतने का कमाल किया था.
जानिए कैसा रहा नीरज का परफॉर्मेंस
नीरज चोपड़ा का पहला थ्रो फाउल रहा था. दूसरे थ्रो में नीरज ने 82.39 मीटर का थ्रो किया तो वहीं तीसरे थ्रो में नीरज ने 86.37 मीटर भाला फेंका. इसके अलावा चौथे प्रयास में नीरज ने 88.13 मीटर भाला फेंककर अपनी स्थिती मजबूत कर ली थी और दूसरे नंबर पर पहुंच गए थे. लेकिन अपने पांचवें राउंड में वो फेल हो गए. उनके थ्रो को फाउल घोषित किया गया. उनका इस प्रतियोगिता में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 88.13 मीटर का रहा. वह दूसरे स्थान पर कायम रहकर सिल्वर मेडल जीतने में सफल रहे हैं.
एंडरसन पीटर्स को गोल्ड मेडल
दूसरी ओर वर्ल्ड नंबर वन एंडरसन पीटर्स ने अपना पहला थ्रो 90.21 मीटर थ्रो फेंककर कमाल किया था तो वहीं दूसरे थ्रो में उन्होंने 90.46 मीटर भाला फेंककर अपनी स्थिती पहले से ही मजबूत कर ली थी. एंडरसन ने अपने फाइनल प्रयास में 90.54m दूर भाला फेंकने का कमाल किया. पीटर्स ने 5 प्रयासों में 90.21, 90.46, 87.21 और 88.12, 90.54m मीटर दूर भाला फेंका और अपनी बढ़त बनाए रखी. इसके साथ ही उन्होंने गोल्ड मेडल जीतने का कमाल किया.