Delhi: सीलमपुर इलाके में लगभग निर्भया जैसी हैवानियत का शिकार हुआ 11 साल का मासूम जिंदगी की जंग हार गया। शनिवार तड़के एलएनजेपी अस्पताल में मल्टी ऑर्गन फेलियर की वजह से मासूम की मौत हो गई। 18 सितंबर को सीलमपुर के ही तीन नाबालिग लड़कों ने मासूम के साथ बेरहमी से कुकर्म किया था। बच्चे ने जब इसका विरोध जताकर परिजनों से शिकायत करने की बात की तो आरोपियों ने उसके निजी अंग में लोहे की रॉड डाल दी थी। इसके बाद उसकी बुरी तरह पिटाई कर काफी ऊंचाई से नीचे फेंक दिया था।
बता दें कि घटना के बाद चार दिनों तक मासूम ने डर की वजह से किसी को भी अपनी आपबीती नही सुनाई। बाद में तबीयत बिगड़ने पर 22 सितंबर को बच्चे को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मासूम की मौत के बाद उसके परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। होपहर के समय गुस्साए परिजनों ने जीरो- पुशता रोड जाम भी कर दिया। बाद में पुलिस ने समझा- बुझाकर लोगों को हटाया। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद मासूम का शव परिवार के हवाले कर दिया है। आरोपी तीसरे नाबालिग आरोपी की तलाशमें जुटी हुई है।
जानकारी के अनुसार पीड़ित छात्र परिवार के साथ सीलमपुर इलाके में रहता है। इसके परिवार में माता-पिता व अन्य सदस्य हैं। छात्र सरकारी स्कूल में पांचवीं कक्षा में पढ़ता था। आरोप है कि 18 सितंबर को सूनसान जगह पर ले जाकर उसके तीन लड़कों ने छात्र के साथ जबरन कुकर्म किया। विरोध करने पर आरोपियों ने रॉड और ईंट पर उस पर हमला किया। इसके बाद भी आरोपियों का दिल नहीं भरा तो उन्होंने उसके निजी अंग में रॉड डाल दी। छात्र किसी तरह घर पहुंचा, लेकिन किसी को कुछ नहीं बताया। परिजनों ने पूछा तो उसने झगड़े की बात की। अचानक 22 को उसकी तबीयत बिगड़ गई। परिवार उसे अस्पताल ले गया तो वारदात का पता चला। वहीं से पुलिस को खबर मिली।शुरुआत में परिवार ने मामला ही दर्ज कराने से इनकार कर दिया था। लेकिन काउंसलिंग कराने पर परिवार एफआईआर दर्ज कराने को तैयार हुआ। पुलिस ने कुकर्म व पॉक्सो समेत अन्य धाराओं में मामला दर्ज दो नाबालिग लड़कों को पकड़ लिया। दोनों लड़कों को जेजे बोर्ड में पेश किया गया, जहां से उनको बाल सुधार गृह भेज दिया गया। मामले में दिल्ली महिला आयोग ने पुलिस को नोटिस देकर 28 सितंबर तक जवाब मांगा था और बच्चे के बारे में जानकारी शेयर की थी।
उस दिन क्या हुआ था…
18 सितंबर की शाम को बह दोस्तों के साथ खेलने के लिेए ङर से निकला हुआ था। इस बीच देर शाम घर पहुंचा तो उसके पैर में चोट लगी हुई थी। मां ने पूछा तो उसने दीवार से गिरने का बहाना बना दिया। परिजनों ने उसे आसपास के डॉक्टरों को दिखाया और दवाई लेते रहे। इस बीच उसकी टांगो और निजि अंग में दर्द होने लगा। पूछने पर मासूम ने कुछ भी बताने से मना करने लगा। बच्चे को डर सता रहा था कि अगर उसने कुछ बताया कि उसके साथ गलत करने वाले लड़के उसके माता- पिता व उसे मार देंगे। मासूम का भरोसा जीतने के बाद परिजनों ने उससे पूछा तो उसने सारी बात बताई। इसके बाद परिजनों के होश उड़ गए। मासूम के प्राइवेट पार्ट में गंभीर संक्रमण हुआ था। परिवार उसे पहले जग प्रवेशचंद अस्पताल ले गए, जहां से उसे एलएनजेपी अस्पताल रेफर कर दिया गया। अस्पताल में भर्ती होने के बाद पुलिस को खबर मिली। पहले परिवार ने बयान देमने से साफ साफ इंकार कर दिया था। काउंसलिेंग कराने पर 24 को बयान देने पर पुलिस ने पॉक्सो, कुकर्म व अन्य धाराओं मे मामला दर्ज कर दो नाबालिग लड़को को हिरासत में लेकर उनको जेजे बोर्ड में पेश किया। जहां से दोनों को बास सुधार गृह भेज दिया गया। परिजनों के अरोप में वारदात में शामिल मुख्य नाबालिग आरोपी फरार है। तभी से पुलिस की टीमें उसकी तलाश कर रही है। इधर अस्पताल में भर्ती मासूम के निजी अंग से संक्रमण उसके शरीर में फैलता चला गया। भर्ती होने के दो दिन बाद ही उसे वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया था। शनिवार सुबह 6 बजे उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिवार के हवाले कर दिया।
परिजनों ने जीरो पुश्ता पर लगा दिया जाम
घटना के बाद से 13-14 साल का किशोर परिवार के साथ फरार है। परिजनों का कहना था कि पुलिस की लापरवाही की वजह से आरोपी लड़का फरार है। इसी लड़के ने मासूम के साथ सबसे ज्यादा हैवानियत की थी। उसे पास की डिस्पेंसरी ले गए। वहां काफी ऊंची दीवार से इसे नीचे फेंक दिया गया था। गुस्साए परिजनों ने दोपहर करीब दो बजे जीरो पुश्ता रोड पर जाम लगा दिया। पुलिस को सूचना मिली तो वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे। बाद में लोगों को समझा-बुझाकर उनको हटाया गया। पुलिस ने आरोपी लड़के को जल्द ही पकड़ने का आश्वासन दिया है।