लखनऊ: योगी सरकार के मंत्रियों के विभागों का बटवारा सोमवार को कर दिया गया है।आपको बतादें योगी आदित्यनाथ ने बतौर मुख्यमंत्री अपने पास 34 विभाग रखें हैं। जबकि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को राज्य सरकार ने 6 विभाग कार्यभार के लिए सौपें हैं। साथ ही दूसरे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को स्वास्थ्य मंत्रालय को संभालने का जिम्मा दिया गया है।
राजनीतिक पंडितों की मानें तो इस बार मंत्रिमंडल में बदलाव के पीछे राजनीतिक गणित मानी जा रही है।आपको बतादें ब्रजेश पाठक को पिछली बार न्याय व ग्रामीण अभियंत्रण विभाग की जिम्मेदारी सौपी गयी थी लेकिन इस बार उनके सियासी कद को सरकार ने काफी बढ़ा दिया है और उनको डिप्टी सीएम समेत स्वास्थ्य मंत्रालय जैसा प्रमुख विभाग सौंपा गया है। सियासी जानकार इस पहल को ब्राहमण समाज को खुश करने का राजनीतिक प्रयास बता रहें हैं। वहीं जितिन प्रसाद को पब्लिक वर्क डिपार्टमेंट जैसा मंत्रालय देकर भाजपा के ब्राह्मण विरोधी होने के दाग को हल्का करने का प्रयास किया गया है।
बेबी रानी मौर्य को महिला कल्याण एवं बाल विकास जैसे मंत्रालय की विशेष जिम्मेदारी दी गयी है। वहीं योगेंद्र उपाध्याय को उच्च शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गयी है ।आपको बतादें राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल के बेटे को आबकारी विभाग का जिम्मा सौपा गया है। नितिन अग्रवाल सपा के अंतर्गत डिप्टी स्पीकर का पद छोढ़कर भाजपा में शामिल हुए थे। इसी तरह हरदोई के मुस्लिम बहुल इलाके शाहाबाद विधानसभा में कांटे की टक्कर देने वाले प्रतिद्वंदी को हराकर जीत का परचम लहराने वाली रजनी तिवारी को भी मंत्री बनाया गया है
इस बार के बटवारे में कई राजनीतिक उठा पटक दिखाई दी। जिसमें कद्द्वार नेता पंकज सिंह का मंत्री मंडल में न शामिल होना विशेष मुद्दा बना हुआ है। राजनीतिक विशेषज्ञों की माने तो यह ठाकुरवाद के तमगे और परिवारवाद की राजनीति को समाप्त करने का एक सन्देश है। वहीं सपा के दामन से बागी हुई योगी की करीबी अपर्णा यादव की राजनीतिक झोली भी खाली रही।
निशांत दीक्षित