केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी(Nitin Gadkari) ने अपना वादा निभाते हुए अब देश में टोल ख़त्म कर दिए हैं, टोल टैक्स पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का कहना है, ”अब हम टोल खत्म कर रहे हैं और सैटेलाइट बेस टोल कलेक्शन सिस्टम होगा. आपके बैंक खाते से पैसे कट जाएंगे और जितनी सड़क आप तय करेंगे, उसी हिसाब से चार्ज लिया जाएगा.” और पैसा बचाया जा सकता है।पहले मुंबई से पुणे जाने में 9 घंटे लगते थे, अब लग रहे हैं.
सैटेलाइट-आधारित टोल संग्रह प्रणाली: यात्रियों पर अनुप्रयुक्तियों का प्रभाव
एक नई और प्रौद्योगिकी-प्रधान अवधारणा के साथ, सड़क यातायात के क्षेत्र में एक बड़ा कदम उत्तेजित हो रहा है। भारतीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने हाल ही में बदलावों की घोषणा की है, जिसमें टोल संग्रह प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव शामिल है। अब, टोल भुगतान को सैटेलाइट-आधारित टोल संग्रह प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा, जिससे यात्रियों को सिर्फ उन रास्तों के लिए टोल देना होगा जिन पर उन्होंने यात्रा की है।
इस प्रणाली के मुख्य विशेषताएं
1. प्रत्यक्ष भुगतान:
यात्री केवल उन रास्तों के लिए टोल देंगे जिन पर उन्होंने वास्तव में यात्रा की है, जिससे उन्हें उन रास्तों के लिए ही भुगतान करना होगा जो जिनपर उन्होंने यात्रा की है
2. यातायात की कमी:
टोल शुल्कों के स्वचालित कटौती से, यात्रियों को अब टोल बूथ पर रुकने या धीमा होने की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे यातायात की भीड़ कम होगी और यात्रा का समय भी कम लगेगा।
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3. उपयोग की सरलता:
स्वचालित टोल कटौती के साथ, यात्री को नकद ले जाने या टोल भुगतान करने के लिए लाइन में खड़े होने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी।
4. गोपनीयता की चिंताएं:
कुछ यात्रीयों को अपने यात्रा डेटा को ट्रैक और स्टोर किया जाने के संबंध में चिंता हो सकती है।
5. तकनीकी मुद्दे:
उपयुक्त किस्त पर कटौती में गड़बड़ी या टोल की गणना में त्रुटियों जैसे संभावित तकनीकी मुद्दे हो सकते हैं, जो असुविधा का कारण बन सकते हैं।
6. संक्रमण चरण:
शुरूआती चरण में, नई सैटेलाइट-आधारित प्रणाली और मौजूदा FASTag प्रणाली दोनों का उपयोग होगा, जो कुछ भ्रम का कारण बना सकता है।