Noida Twin Tower Blast: नोएडा में सेक्टर 93-ए स्थित सुपरटेक का ट्विन टॉवर अब ध्वस्त होने के बाद इतिहास बन जाएगा। सिर्फ नौ सेकेंड में भीषण बारूदी विस्फोट से यह 100 मीटर ऊंची बिल्डिंग पूरी तरह जमींदोज हो जाएगी। मगर ध्वस्तीकरण का दंश आमजनों को लंबे समय तक झेलना पड़ सकता है। टॉवर ब्लॉस्ट के बाद आसमान में 35 हजार घन फीट धूल का गुबार उठेगा। यह 350 मीटर तक की ऊंचाई तक चारों तरफ फैल जाएगा। इससे नोएडा-ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, दिल्ली, फरीदाबाद समेत पूरे एनसीआर में लोगों को विभिन्न तरह की स्वास्थ्य चुनौतियों से जूझना पड़ सकता है। सांस और दिल के मरीजों को सबसे ज्यादा रिस्क रहेगा। यह समस्या सिर्फ एक दो दिन में दूर होने वाली नहीं है। बल्कि इसका असर लंबे समय तक रह सकता है।
आंखों में जलन, सिर चकराना, मतली आना, एलर्जी होना जैसी गंभीर समस्याएं होंगी। एक बिल्डर की गलती किस तरह से सामान्य मानव की जिंदगी पर भारी पड़ने वाली है, आइए हम आपको समझाते हैं।
आसमान में उठेगा धूल का गुबार
बारूद के फटने और मलबे से उड़ने वाले धूल के बारीक कण इस विस्फोट के साथ ही आसमान में फैलना शुरू होंगे। 5 से 7 मिनट में करीब 3 किलोमीटर के दायरे में धुएं का गुबार फैल जाएगा। विस्फोट की डिजाइनिंग करने वाले मास्टर ब्लास्टर जो ब्रिकमैन कहते हैं कि एक ही हमारे बस में नहीं है, वह है धूल। मलबा को बिखड़ने से बचाने की पूरी तैयारी कर ली गई है। लेकिन, बिल्डिंग जिस तेजी से गिरेगी, उसी तेजी से धूल भी उड़ेगी। वे विश्वास जताते हैं कि 15 से 20 मिनट में धूल के साथ उड़ने वाला मलवे के महीन कण जमीन पर आ जाएंगे। ये कण भारी होते हैं और हवा में अधिक समय तक उड़ नहीं सकते । वहीं, अन्य विशेषज्ञों का कहना है कि धुंध को छंटने में करीब 3 से 4 घंटे लग सकता है।
धूल के साथ सीमेंट मटीरियल भी हवा में फैलेगा। इसको लेकर चिकित्सकों का कहना है कि एक किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को अगले तीन दिनों तक मास्क लगाकर रहना चाहिए। हवा के साथ कैरी करने वाले सीमेंट और कंक्रीट के छोटे-छोटे कण लोगों के स्वांस नली को प्रभावित कर सकते हैं। वहीं, बारूद से निकलने वाला धुआं भी सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। उसमें पोटैशियम नाइट्रेट होती है।
आसपास की सोसाइटी तक धूल-धुआं पहुंचने की आशंका
धूल ऊपर उठकर फैलने के कारण ट्विन टावर के आसपास की सोसायटियों और सड़कों पर भी फैलने की आशंका है। इसका कारण है कि मलबा जब नीचे गिरेगा तो उससे पहले धूल नीचे फैलेगी। फिर दीवारों से टकराकर ऊपर उठेगी। इस दौरान बगल में मौजूद एटीएस विलेज, एमराल्ड कोर्ट सोसायटी के अंदर ज्यादा धूल भड़ेगी। आस-पास की सड़कों पर भी धूल की मोटी परत जमेगी। यहां तक कि एक्सप्रेसवे पर भी 15 मिनट बाद धूल मिट्टी नजर आने का अनुमान है। इसी कारण एक्सप्रेसवे पर यातायात को रोका गया है।
पलवल से आया है विस्फोटक
ट्विन टावर को गिराने के लिए पलवल की अल्फा इंटरप्राइजेज कंपनी के विस्फोटक का इस्तेमाल किया जा रहा है। कोच्चि के बाद कंपनी दूसरी बार ऐसा रिहायशी टावर तोड़ने के लिए विस्फोटक सप्लाई की है। 3700 किलोग्राम बारूद मैगजीन के साथ नोएडा का ट्विन टावर गिरेगा। इसके लिए कंपनी को करीब एक महीने पहले का ऑर्डर मिला था। कंपनी आम तौर पर पत्थर तोड़ने के लिए प्रयोग में आने वाले बारूद की सप्लाई करती है। भवन को तोड़ने के लिए बारूद की मांग न के बराबर है। बिल्डिंग धमाका के बाद साउंड पॉल्यूशन की स्थिति से बचाने के लिए बारूद को विशेष रूप से तैयार किया गया है।
ट्विन टावर ध्वस्त होने के बाद प्रदूषण का असर बुलंदशहर और गाजियाबाद तक
नोएडा सेक्टर- 93ए में ट्विन टावर ध्वस्त होने के बाद इसका प्रदूषण बुलंदशहर तक लोगों का दम घोट सकता है। पिछले दो दिनों से हवा उत्तर-पश्चिम की दिशा में चल रही है। ऐसे में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी मान रहे हैं कि वायु मंडल में मलबे से उड़ने वाली धूल-मिट्टी का प्रदूषण बुलंदशहर की तरफ ज्यादा असर डाल सकता है। हालांकि, यह सब हवा की दिशा पर निर्भर है। एहतियात तौर पर नोएडा अथॉरिटी ने जरूरी इंतजाम करने के लिए कहा है। वहीं, प्रदूषण बोर्ड के 12 अधिकारियों की टीम अगले पांच दिनों तक नोएडा में प्रदूषण की रिपोर्ट तैयार करेगी। यातायात पुलिस कर्मी भी हाइवे पर निगरानी रखने के लिए तैनात रहेंगे।
अलग-अलग जगहों पर टीमों को जिम्मेदारी
क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा ने बताया कि प्रदूषण बोर्ड के 12 अधिकारियों की टीम अलग-अलग जगह पर तैनात की हैं, जिसमें ग्रीन बेल्ट सेक्टर- 93ए में आशीष चौहान, पंकज कुमार, बरातघर, गेजा पर रवि कुमार, पंकज कुमार, पार्श्वनाथ प्रेस्टीज सोसायटी में अर्पिता राज, संदीप कुमार, पार्क्स लॉरिएट सेक्टर-108 नोएडा में राजीव बघेल, सुरूचि, एसीई कैपिटल सेक्टर-132 पर आकांक्षा यादव, रवि कुमार, ऑमेक्स फॉरेस्ट सोसायटी सेक्टर-93बी में कुमार साहिल, आशीष चौहान शामिल हैं। यह सभी लोग रोजाना प्रदूषण के नमूने व रिपोर्ट को प्रयोगशाला सहायक विशाल मौर्या को जमा कराएंगे। वहीं, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की तरफ से ध्वनि प्रदूषण की रिपोर्ट भी तैयार की जाएगी।
यातायात पुलिसकर्मी रखेंगे हाइवे पर नजर
पुलिस अधीक्षक यातायात रामानंद कुशवाह का कहना है कि नोएडा पुलिस प्रशासन की तरफ से हाइवे पर ट्रैफिक डायवर्जन के लिए कोई पत्र नहीं दिया गया है फिर भी ट्रैफिक संचालन में किसी भी तरह की दिक्कत ना आए इसके लिए यातायात पुलिसकर्मियों की ड्यूटी रोजाना की तरह लगाई जाएगी। प्रदूषण बढ़ने की स्थिति में नगर निगम, जीडीए और अग्निशमन अधिकारियों ने भी पानी से छिड़काव करने की तैयारी की है।
वायु प्रदुषण से लोगों को हो सकती है ये बीमारियां
1 -सिर दर्द
2 -आंखो में दिक्कत (जलन होना,लाल हो जाना, खुजली होने की समस्या)
3 -क्रानिक ब्रोंकाइटिस
4 -स्किन रेशेस
5 -नाक बहना ,गले में दिक्कत
6 -कफ की समस्या
7 -अस्थमा के अटेक
8 -ब्लड प्रेशर बढ़ जाना
9 -मानसिक तनाव
10 -प्रग्नेंट महिलाओं को जल्दी लेवेर पेन, प्रीमैच्योर डिलीवरी
12 -एलर्जिक सायनुसाइटिस जैसे रोग हो सकते हैं
कैसे कर सकते है बचाव
1 -मास्क पहनें
2 -कुछ समय के लिए आस पास के एरिया से दूर रहे
3 -घरों में एयर पीयूरिफायर का प्रयोग करें
4 -बाहर जाने से परहेज करें
5 -नियमित रूप दवा ले (जो किसी भी रोग के लिए दवा खा रहे है )
6 -स्किन मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करे
7 -आँखों की सुरक्षा के लिए चश्मे का प्रयोग करें
8 -स्किन या आँखों में जलन होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें
आस-पास के निवासियों के लिए जरुरी सुझाव
- विध्वंस के समय (दोपहर 2:30 बजे) अपने दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें।
- आप अपने एसी यूनिट को कवर करने की योजना बना सकते हैं।
- आप अपने वाहनों को कवर करने की योजना बना सकते हैं, विशेष रूप से खुली पार्किंग में पार्क किए गए।
- अधिमानतः अपने एसी को तब तक बंद कर दें जब तक कि विस्फोट के ठीक बाद धूल जम न जाए।
- उस अवधि के लिए अपने फ्लैट/सोसाइटी से बाहर जाने से बचें।
- अगर आपको किसी काम के लिए बाहर जाना पड़े तो ट्रैफिक एडवाइजरी (संलग्न) देखें।
- बालकनियों से कपड़ा आदि हटा दें।
- चिमनी के निकास को कवर करें।
- विध्वंस के दौरान और बाद में सांस की तकलीफ से बचने के लिए मास्क पहनें
- अंतिम लेकिन सबसे महत्वपूर्ण, कृपया घबराएं नहीं और किसी भी स्थिति में अपना धैर्य बनाए रखें। सब
किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए फेलिक्स अस्पताल की टीम 24×7 अपने पैरों पर खड़े होंगे।
बीती घटना से ले सकते है सीख
केरल के कोच्चि और मराडु में जनवरी 2020 में चार टावर होली फेथ एच 20, अल्फा सिरीन, जैन कोरल कोव और गोल्डन कायलओरम के ध्वस्तीकरण के बाद आसपास के लोगों को महीनों तक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हुई थीं। इसमें सिरदर्द, अस्थमा, अटैक, जुकाम, कफ और एलर्जी के कारण लोग कई सप्ताह तक परेशान रहे थे। चारों टावर गिरने से 75 हजार टन का मलबा निकला था। इसे हटाने के लिए 70 दिनों से अधिक का समय लगा था। टावर ध्वस्तीकरण के बाद वातावरण में वायु प्रदूषण पांच गुना तक बढ़ गया था। इसके कारण आसपास के लोगों का स्वास्थ्य खराब हो रहा था। इस दौरान प्रशासन को स्वास्थ्य शिविर लगाना पड़ा था। टावर ध्वस्तीकरण के बाद आसपास के घर, पेड़, दीवार, पार्क सहित खाली जगह पर धूल जम गई थी। हल्की हवा चलने पर भी लोगों के घरों में धूल घुस जाती थी।