Greater Noida metro expansion: उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में एक्वा लाइन मेट्रो के विस्तार के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) को मंजूरी दी है। यह नया कॉरिडोर नोएडा के सेक्टर-51 को ग्रेटर नोएडा वेस्ट के नॉलेज पार्क-5 से जोड़ेगा, जिसकी कुल लंबाई 17.435 किलोमीटर होगी। इस विस्तार में 12 नए स्टेशन होंगे, और पूरे प्रोजेक्ट का अनुमानित खर्च ₹2,991.60 करोड़ होगा। परियोजना से लाखों यात्रियों को फायदा होने की संभावना है, जो इस नई कनेक्टिविटी का लाभ उठाएंगे।
एक्वा लाइन मेट्रो 2019 में शुरू हुई थी, जो नोएडा के सेक्टर-51 से Greater Noida डिपो तक 21 स्टेशनों वाला एक कॉरिडोर चलाती है। अब इस विस्तार से दिल्ली-एनसीआर की मेट्रो नेटवर्क को और भी मजबूती मिलेगी। इस विस्तार के बाद नोएडा और ग्रेटर नोएडा के विभिन्न महत्वपूर्ण स्थानों को मेट्रो से जोड़ा जाएगा, जिससे लोगों को परिवहन में अधिक सुविधा मिलेगी।
नए मेट्रो रूट का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर-122, 123, सेक्टर-4, ईकोटेक-12 और सेक्टर-2 में पांच स्टेशन शामिल होंगे, जो 9.6 किलोमीटर तक फैले होंगे। दूसरे चरण में सेक्टर-3, 10, 12 और नॉलेज पार्क-5 के चार स्टेशन होंगे।
DMRC और NMRC के बीच सहयोग क्यों नहीं होता?
दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) और नोएडा मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (NMRC) दोनों ही दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में मेट्रो संचालन करते हैं, लेकिन ये दोनों स्वतंत्र रूप से काम करते हैं क्योंकि इनके संचालन और वित्तीय प्रबंधन में अंतर है। DMRC दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार द्वारा वित्त पोषित है, जबकि NMRC को उत्तर प्रदेश सरकार से वित्तीय सहायता मिलती है। इस भिन्नता के कारण दोनों संगठन अलग-अलग तरीके से योजना बनाते हैं और कार्य करते हैं। साथ ही, इनके पास अलग-अलग प्राथमिकताएं और बजट होते हैं, जिससे सहयोग करना जटिल हो जाता है, हालांकि दोनों का उद्देश्य क्षेत्र में मेट्रो कनेक्टिविटी को बढ़ाना है।
मेट्रो कनेक्टिविटी का भविष्य
इस नए मेट्रो विस्तार से Greater Noida में बेहतर परिवहन अवसंरचना मिलेगी, जो आर्थिक विकास को बढ़ावा देगा और सेवाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित करेगा। यह परियोजना यातायात जाम को कम करने, यात्रा समय को घटाने और अधिक टिकाऊ शहरी परिवहन समाधान को बढ़ावा देने में सहायक होगी, जिससे निवासियों और आगंतुकों को लाभ होगा।