प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 9 सफल साल के कार्यकाल को लेकर चल रहे महान जनसंपर्क अभियान के बाद उत्तर प्रदेश भाजपा अब अपनी जीती हुई 66 सीटो पर मंथन करते हुए नज़र आएंगी।
भाजपा से चल रहे महासंपर्क अभियान के बाद अब एक बार फिर से 2014 की तर्ज़ पर अपने बूथों पर फोकस करती हुई नज़र आएगी। इसके लिए हर लोक सभा में बनाया जाएगा एक संयोजक मंडल में इन संयोजक मंडलों को प्रत्येक लोक सभा में प्रत्येक बूथों पर किसको कितना वोट मिला था और 2014 और 2019 में क्या वोट प्रतिशत रहा था। इसका आंकलन भी करके विस्तृत रिपोर्ट बना के आला कमान को सौंपनी होगी हर लोक सभा जिन पर 2019 में भाजपा ने एक चमक लाने का काम किया था। उन सभी लोकसभा सीट पर प्रत्येक बूथ पर ब्याज पार को कितना वोट मिला था इसका भी आंकलन करना होगा।
2024 चुनाव के लिए मजबूत होंगे बूथ
साथ ही साथ प्रत्येक लोकसभा सीट पर प्रभारी और संयोजकों की नियुक्ति भी की जाएगी माना जा रहा है कि जुलाई से भाजपा का फोकस अपनी सभी सीटों पर होगा साथ ही जीती हुई 66 सीट पर ज़्यादा फ़ोकस होगा। 2014 में भाजपा के थिंक टैंक कहे जाने वाले अमित शाह ने जब उत्तर प्रदेश की कमान संभाली थी। तब अपना वोट सब का सबसे मज़बूत का नारा दिया था। उसी तर्ज़ पर एक बार फिर 2024 चुनाव के लिए भाजपा अपने बूथ को मजबूत करती हुई नज़र आ रही है।
बीजेपी ने लोकसभा चुनाव के लिए क्लस्टर में बांटा
भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए पहले ही एक इस क्लस्टर में बांट दिया है। अब इन क्लस्टर में प्रभारी संयोजक और संयोजक मंडल की जिनमें होगी उन बूथों पर फोकस करना होगा। जिनमें 2019 में कम वोट पाए गए थे अगर हम बात करे मछलीशहर की तो यहां सीट पर सिर्फ़ 181 मतों से तो मुजफ्फरपुर सीट में 6526 मतों से ऐतिहासिक जीत हुई। वहीं मेरठ लोकसभा पे तो जीत का अंतर मात्र 4729 मतों का रहा था। वहीं चंदौली में 13 हज़ार मतों से भाजपा को जीत मिली थी। इसके अलावा 30 एसी लोकसभा सीट है जहाँ जीत का अंतर लाख वोट से कम था।
जनता की सुनी जाएगी समस्या
आगामी लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा अब ऐसे मतदाताओं या कहें कि ऐसे बूथों को चिन्हित कर रही है। जहां पर मतदाताओं के स्थानीय मुद्दे यह किसी अन्य कारण से नाराजगी है। चुनाव के पहले ऐसे बूथों पर फोकस ज़्यादा किया जाएगा जहाँ पे मतदाताओं को कहीं न कहीं भाजपा से नाराज़गी है। यह माना जा रहा है कि उन बूथों पर काम कराया जाएगा जहाँ पे मौजूदा सांसद या कहें कि वहाँ पे भाजपा की स्थिति कमजोर नज़र आ रही है।
बूथों को मजबूत कर कमल खिलाने की तैयारी
2024 के लोक सभा चुनाव के पहले न केवल हारी हुई बल्कि जीती हुई सीट के सभी बूथों पर मजबूती के साथ काम करने के लिए अग्रसर हुई है। भाजपा अब देखना यह होगा कि जहाँ एक तरफ खुद उत्तर प्रदेश भाजपा अपनी 80 लोकसभा सीट जीतने का दम भरती नज़र आ रही है। ऐसे में न केवल हारी हुई 14 सीट बल्कि जीते हुई 66 सीट पर कमजोर बूथों को मजबूत करके फिर से कमल खिलाने की तैयारी होगी।