Marital Rape: दिल्ली हाई कोर्ट ने मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने वाली याचिका पर फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट के फैसले में मामले की सुनवाई कर रहे दोनों जजों ने अलग-अलग राय दी है। एक जज ने जहां अपने फैसले में पत्नी के साथ जबरन संबंध बनाने को रेप के दायरे से बाहर माना तो दूसरे जज ने कहा कि इसे रेप के दायरे में रखा जाए।
ऐसे में दोनों जजों की अगल-अलग राय से अब ये मामला और जटिल हो गया है। हाईकोर्ट के फैसले से ये स्पष्ट नहीं हो सका है कि मैरिटल रेप आखिर क्या है?
हालांकि सुनावई के दौरान दोनों जज इस बात पर सहमत थे कि इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी चाहिए।
बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट में 2015 से लंबित मुकदमे में आईपीसी की धारा 375 के अपवाद 2 को अमान्य घोषित करने की मांग की गई थी। याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि पत्नी की मर्ज़ी के खिलाफ अगर पति जबरन शारीरिक संबंध बनाता है, तो उसे रेप माना जाना चाहिए।
हालांकि कई पुरुष अधिकार संगठनों ने भी इन याचिकाओं का विरोध करते हुए याचिका दाखिल की थी।
अब ऐसे में देखना होगा कि मामले पर सुप्रीम कोर्ट में कब से सुनवाई शुरू होती है।
(BY: VANSHIKA SINGH)