ओडिशा के बालासोर में ट्रेन हादसे के बाद रेस्क्यू का काम पूरा हो चुका है। लेकिन अब हादसे में जान गवाने वाले लोगों के शवों के रखरखाव को लेकर समस्या आ रही है। दरअसल हादसे के 36 घंटे बाद भी 100 से ज्यादा शव लावारिस है। जिनकी या तो शिनाख्त नहीं हो पाई या फिर कोई लेने नहीं आया। शवों में सड़न फैलने लगी है। प्रशासन ने शवों को भुवनेश्वर भेजा है, जिन्हें एम्स में रखा जाएगा।
हादसे में मारे गए लोगों के शव बड़ी मात्रा में घटनास्थल से कुछ दूरी पर बहनागा हाई स्कूल में रखे गए थे। अधिकारियों का कहना है कि यह जगह घटनास्थल से पास है। वहीं यहां पर इतनी बड़ी संख्या में शवों को रखने के लिए पर्याप्त जगह भी थी। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार यहां अभी तक 163 शव आ चुके हैं, जिसमें से करीब 30 की पहचान की जा चुकी है।
जिसमें नगर निगम के कर्मचारी भी हैं। उन्होंने बताया कि क्षत विक्षत शवों को उठाना मुश्किल काम है। उनके बिलखते परिजनों को देखना ज्यादा तकलीफ दे रहा है। कुछ शव कई टुकडों में कट गए हैं। वहीं कुछ को बिजली के झटके लगे हैं जिनसे उनकी पहचान करना भी मुश्किल हो रहा है।
ओडिशा के बालासोर में तीन ट्रेनों के बीच हुई भीषण टक्कर में अब तक 288 लोगों की मौत हो चुकी हैं। जबकि 900 से अधिक लोग घायल है। देश की आजादी के बाद का यह सबसे बड़ा रेल हादसा माना है। हादसे के बाद बालासोर में चारों तरफ चीख-पुकार मची हुई है। अस्पतालों में डॉक्टर घायल लोगों की जान बचाने के लिए तमाम कोशिशें कर रहे हैं।