नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संसद के लोकसभा में विपक्षी सांसदों के निलंबन का प्रस्ताव रखा, जिसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया. निलंबित होने वालों में सांसद सुप्रिया सुले, मनीष तिवारी, शशि थरूर, मोहम्मद फैजल, कार्ति चिदंबरम, सुदीप बंद्योपाध्याय, डिंपल यादव, फारूक अब्दुल्ला, मनीष तिवारी और दानिश अली शामिल हैं.
यह भी पढ़ें- IPL: रोहित शर्मा को मुंबई इंडियन्स के कप्तान से हटाए जाने पर फैन्स गुस्सा, ये दिया रिएक्शन
निलंबन पर प्रल्हाद जोशी का बयान
संसद के लोकसभा में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि सदन के अंदर मार्शल लाने का कोई फैसला नहीं हुआ है. हाल के चुनाव में हार की निराशा के कारण ऐसे कदम उठाये जा रहे हैं. यही कारण है कि हम सांसदों को निलंबित करने का प्रस्ताव दे रहे हैं।’
फारूक अब्दुल्ला का अमित शाह से सवाल
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने गृह मंत्री अमित शाह से सवाल किया. उन्होंने कहा, “पुलिस को कौन नियंत्रित करता है? यह गृह मंत्रालय के अंतर्गत आती है. क्या होगा अगर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह संसद में आएं और घोषणा करें कि कार्रवाई की जा रही है?”
सरकार पर अखिलेश यादव की टिप्पणी
समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार सच सुनना नहीं चाहती. वे लोकतंत्र का मंदिर होने की बात करते हैं. हम अपने भाषणों में इसे लोकतंत्र का मंदिर भी कहते हैं. जब वे विपक्ष को दरकिनार कर रहे हैं तो वे किस मुंह से इसे लोकतंत्र का मंदिर कहते हैं? अगर वे दोबारा सत्ता में आए तो डॉ. बी.आर. अंबेडकर का संविधान नहीं बचेगा.
डिंपल यादव ने बताया दुर्भाग्यपूर्ण
सांसदों के निलंबन को लेकर सपा सांसद डिंपल यादव ने सरकार पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि आज लगभग 40 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है. कल ही, लोकसभा और राज्यसभा दोनों से मिलाकर 80 से अधिक सांसदों को निलंबित कर दिया गया था। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है. हम जो माहौल देख रहे हैं, जहां हम संसद में अपनी राय नहीं रख सकते, वह सरकार की पूर्ण विफलता को दर्शाता है.
यह भी देखें- Parliament Attack: संसद में चूक को लेकर भड़के Rahul Gandhi, Unemployment और मंगाई का उठाया मुद्दा