भोजपुरी स्टार पवन सिंह को धोखाधड़ी मामले में मिली जमानत; वाराणसी कोर्ट ने सुनाया फैसला

धोखाधड़ी के मामले में भोजपुरी स्टार पवन सिंह को वाराणसी कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अपर सत्र न्यायालय ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका मंजूर कर ली। यह मामला 2017 का है, जिसमें उन पर फिल्म बनाने के नाम पर डेढ़ करोड़ रुपए से ज्यादा की ठगी का आरोप था।

Pawan Singh

Pawan Singh News: भोजपुरी सिनेमा के पावर स्टार कहे जाने वाले गायक और अभिनेता पवन सिंह को वाराणसी की अदालत से बड़ी राहत मिली है। मंगलवार को अपर सत्र न्यायालय ने धोखाधड़ी के एक पुराने मामले में उनकी अग्रिम जमानत याचिका को मंजूर कर लिया। न्यायाधीश देवकांत शुक्ला की पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई की और पवन सिंह को अगली सुनवाई की तारीख पर कोर्ट में हाजिर होने का निर्देश दिया। यह मामला 2017 में वाराणसी के एक कारोबारी द्वारा दर्ज कराया गया था, जिसमें पवन सिंह और मुंबई के एक पति-पत्नी पर डेढ़ करोड़ रुपए से अधिक की ठगी करने का गंभीर आरोप लगाया गया था।

कारोबारी ने उन पर फिल्म बनाने के नाम पर पैसे लेने और मुनाफा न देने का आरोप लगाया था। Pawan Singh के वकीलों ने अदालत में दलील दी कि इस पूरे विवाद में उनकी सीधी भूमिका नहीं थी और उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश की जा रही थी। कोर्ट ने सभी दलीलों और सबूतों पर विचार करने के बाद उनकी याचिका को स्वीकार कर लिया।

पूरा मामला क्या है?

यह मामला वाराणसी के कैंट थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। 2017 में, वाराणसी के कारोबारी विशाल सिंह ने स्थानीय पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई थी। उनकी शिकायत के आधार पर, कैंट पुलिस ने कोर्ट के आदेश के बाद भोजपुरी गायक पवन सिंह, मुंबई निवासी प्रेम शंकर राय और उनकी पत्नी सीमा राय सहित कुछ अन्य लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया था।

शिकायतकर्ता विशाल सिंह का आरोप था कि प्रेम शंकर राय और सीमा राय ने Pawan Singh के साथ मिलकर एक फिल्म बनाने के नाम पर उनसे लगभग डेढ़ करोड़ रुपए से भी अधिक की राशि ली थी। विशाल सिंह ने आरोप लगाया कि पैसे लेने के बाद न तो फिल्म बनाई गई और न ही उन्हें कोई मुनाफा दिया गया, जिससे उनके साथ यह बड़ी वित्तीय ठगी हुई। यह मामला तब से ही सुर्खियों में रहा है।

कोर्ट में पवन सिंह के वकीलों की दलील

इस मामले की सुनवाई अपर सत्र न्यायालय में हुई, जहां पवन सिंह की ओर से उनके अधिवक्ता मंगलेश कुमार दुबे और अमन कुमार त्रिपाठी ने पक्ष रखा। वकीलों ने कोर्ट के समक्ष अभिनेता के समर्थन में कई महत्वपूर्ण सबूत और तथ्य प्रस्तुत किए।

उन्होंने न्यायालय को बताया कि यह पूरा विवाद आपसी लेन-देन का मसला है, जिसमें पवन सिंह को जानबूझकर फंसाने और उनकी स्थापित छवि को खराब करने का प्रयास किया गया है। वकीलों ने स्पष्ट किया कि संपूर्ण मामले में Pawan Singh की सीधी और प्रत्यक्ष भूमिका कहीं भी दिखाई नहीं देती है। दलीलों पर विचार करने के बाद, न्यायाधीश देवकांत शुक्ला ने उनकी अग्रिम जमानत याचिका को तुरंत स्वीकार कर लिया, जिससे पवन सिंह को गिरफ्तारी से राहत मिल गई है। कोर्ट ने उन्हें अगली सुनवाई पर अनिवार्य रूप से हाजिर होने का निर्देश दिया है। यह फैसला भोजपुरी सिनेमा जगत में चर्चा का विषय बना हुआ है।

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