नई दिल्ली: कई दिनों से पेट्रोल के दामों के न बढ़ने से महंगाई से कुछ राहत मिलती दिखाई दे रही थी लेकिन हाल ही में बीते पांच दिनों से पेट्रोल के दामों में मानों आग सी लग गई हो। पिछले पांच दिनों में पेट्रोल के दामों में चौथी बार इज़ाफ़ा हुआ है। आपको बता दें कि तेल कंपनियों ने शनिवार को पेट्रोल और डीजल के दाम में प्रति लीटर 80 पैसे की बढ़ोतरी कर दी है। जबकि पिछले पांच दिनों में ये इज़ाफ़ा 3 रूपए से ज्यादा का हो चुका है। विधानसभा चुनाव से पहले पेट्रोल के दाम में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। योगी के शपथ लेने के अगले दिन ही पेट्रोल के दाम में उछाल आया है।
इस बढ़ोतरी के बाद राजधानी दिल्ली और दिल्ली से सटे आस-पास के इलाकों में पेट्रोल शतक से दो कदम दूर है। इससे पहले 22 , 23 और 25 मार्च को तेल कंपनियों ने पेट्रोल डीजल के दाम में 80 पैसे प्रति लीटर का इज़ाफ़ा किया था और 24 मार्च को पेट्रोल के दाम स्थिर रहे।
राजनीतिक पंडितों समेत विपक्ष के नेताओं की माने तो ये सरकार महंगाई पर रोक लगाने में विफल रही है। साथ ही पेट्रोल के दाम बढ़ने से अन्य चीज़ों पर भी प्रभाव पड़ेगा और बाजार के जानकारों की माने तो आने वाले महीनों में रूस से भारत की पेट्रोल खरीद से पेट्रोल के दाम कम होने के आसार हैं।
वही कई दिग्गज नेताओं ने सरकार पर तंज़ कसते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले तक तो सरकार का बजट बहुत शानदार चल रहा था लेकिन अब अचानक से बाजार में तंगी समझ से परे है।
निशांत दीक्षित