उत्तर प्रदेश में एक तरफ योगी सरकार फूल एक्शन में है। जिसके चलते अवैध कब्जों पर बुलडोजर चला रही है। वहीं यूपी के जनपद संभल में एक अनोखा मामला सामने आया है। जहां पर गौ तस्कर से जब्त की गई जमीन पर अवैध तरीके से 5 साल से पुलिस का कब्जा था। जिसके बाद हाईकोर्ट ने वहां से 18 एसडीएम को जांच का आदेश दिया गया था। इसके बाद जांच की गई। जांच के बाद आज पुलिस ने अपने हाथों से ही चौकी तोड़ दी।
30 मार्च 2018 को जब्त की थी जमीन
दरअसल संभल कोतवाली पुलिस की रिपोर्ट पर तत्कालीन जिलाधिकारी ने 30 मार्च 2018 को संभल चंदौसी रोड पर मंडी किशनदास सराय के निकट मुख्य मार्ग पर स्थित करोड़ों की जमीन को पशु तस्कर शमशाद की मानते हुए जब्त करने के आदेश जारी किये थे। लेकिन पुलिस ने इस परिसर पर कब्जा लेकर पहले जब्त वाहन वहां खड़े करने शुरु कर दिए थे। इसके बाद में बाहर मंडी किशनदास सराय पुलिस चौकी भी बना ली। इस बीच दिल्ली के रहने वाले मौहम्मद हसन की और से अधिवक्ता जयंतप्रकाश सिंह ने इलाहबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि जो सम्पत्ति जब्त की गई है वह शमशाद की नहीं बल्कि मौहम्मद हसन की है।जिसके बाद हाईकोर्ट ने डीएम को आदेश दिया कि यदि सम्पत्ति वास्तव में मौहम्मद हसन की है तो इसका जब्तीकरण को निरस्त किया जाए।
पुलिस ने खुद तोड़ी अपनी चौकी
वहीं आपको बता दें कि पिछले साल अक्टूबर माह में डीएम ने सम्पत्ति का जब्तीकरण निरस्त कर दिया था। इसके बाद पुलिस ने परिसर से वाहन निकालकर परिसर खाली कर दिया था। लेकिन बाहर पुलिस चौकी का संचालन इसके बाद भी जारी था। शनिवार को पुलिस ने पुलिस चौकी को खुद तोड़कर वहां से अपनी ईंट व मलवा ले जाने का काम शुरु कर दिया है। एक दो दिन में यह पुलिस चौकी पूरी तरह बेवजूद हो जायेगी।
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