Bihar News : पश्चिम बंगाल के सिलिगुड़ी में बिहार के दो युवकों के साथ मारपीट की एक घटना सामने आई है। ये छात्र सिलिगुड़ी में SSC परीक्षा देने गए थे। इस मारपीट का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग इन बिहारी छात्रों को पीटते हुए, उनसे कान पकड़वाकर माफी मंगवा रहे हैं और उठक-बैठक करने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
इस मामले में पुलिस ने रजत भट्टाचार्य और गिरिधारी रॉय नाम के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह दोनों ‘बांग्ला पक्खो’ नाम के एक संगठन से जुड़े हैं। रजत का दावा है कि बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग नकली सर्टिफिकेट लेकर SSC परीक्षा देने आते हैं, जिससे बंगालियों की नौकरियां छिनती हैं। बांग्ला पक्खो के महासचिव गार्गा चटर्जी ने आरोप लगाया है कि बंगाल में एक रैकेट सक्रिय है, जो युवकों को फर्जी डोमिसाइल सर्टिफिकेट प्रदान करता है, जिससे बाहरी लोग राज्य में नौकरी प्राप्त कर सकते हैं।
क्या है पूरा मामला ?
असल में, कई राज्यों में डोमिसाइल नीति लागू है, जिसके तहत राज्य सरकार की कुछ नौकरियों में वहां के मूल निवासियों को प्राथमिकता दी जाती है। पहले बिहार में भी यह नीति थी, लेकिन इसे समाप्त कर दिया गया है। बिहार में पहले शिक्षक भर्ती में डोमिसाइल नीति लागू नहीं थी, जिससे बाहरी राज्यों के लोग भी आवेदन कर सकते थे। लेकिन दिसंबर 2020 में नीतीश सरकार ने शिक्षक भर्ती में डोमिसाइल नीति लागू की, जिसके बाद केवल मूल निवासियों को ही नौकरी मिलने लगी।
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हालांकि, जुलाई 2023 में सरकार ने इस नीति को समाप्त कर दिया, जिससे अब दूसरे राज्यों के लोग भी आवेदन कर सकते हैं। सरकार का तर्क था कि स्कूलों में गणित और विज्ञान पढ़ाने के लिए अच्छे शिक्षकों की कमी थी। उस समय बिहार के मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने कहा था कि संविधान के अनुसार किसी भी नागरिक के साथ उसके जन्म, जाति, धर्म,