Jagdeep Dhankhar Pension: भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को अपने पद से अचानक इस्तीफा देकर सभी को हैरान कर दिया। उन्होंने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए यह फैसला लिया और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना त्यागपत्र भेजा। उनका कार्यकाल 11 अगस्त 2027 तक था, लेकिन उससे दो साल पहले ही उन्होंने पद छोड़ दिया। इस तरह वे ऐसे तीसरे उपराष्ट्रपति बन गए हैं जिन्होंने अपना पूरा कार्यकाल नहीं पूरा किया।
अब भी मिलेंगी कई रिटायरमेंट सुविधाएं
हालांकि जगदीप धनखड़ ने कार्यकाल पूरा होने से पहले इस्तीफा दिया है, लेकिन चूंकि वे दो साल से ज्यादा समय तक पद पर रहे, इसलिए उन्हें रिटायरमेंट जैसी सुविधाएं मिलेंगी।
उन्हें मिलने वाली प्रमुख सुविधाएं
हर महीने करीब ₹2 लाख की पेंशन
एक बड़ा सरकारी बंगला (बिजली-पानी मुफ्त)
मुफ्त हवाई और रेल यात्रा की सुविधा
निःशुल्क इलाज, साथ में निजी डॉक्टर
परिवार को भी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज
दो पर्सनल असिस्टेंट और जीवनसाथी के लिए एक निजी सचिव
मुफ्त इंटरनेट, टेलीफोन, फर्नीचर और अन्य उपकरण
उपराष्ट्रपति की सैलरी कितनी होती है?
भारत के उपराष्ट्रपति को हर महीने ₹4 लाख रुपये वेतन मिलता है। साल 2018 में इस वेतन को ₹1.25 लाख से बढ़ाकर ₹4 लाख किया गया था। इसके अलावा उन्हें मिलता है।
मुफ्त सरकारी आवास
यात्रा भत्ता
स्वास्थ्य सेवाएं
स्टाफ और सुरक्षा
संविधान के अनुसार दिया इस्तीफा
जगदीप धनखड़ ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के तहत अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को सौंपा। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि डॉक्टरों की सलाह के बाद उन्होंने यह फैसला लिया है और अब स्वास्थ्य कारणों से वह पद पर काम नहीं कर सकते। उन्होंने प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और कैबिनेट का धन्यवाद भी व्यक्त किया। ध्यान देने वाली बात यह है कि उपराष्ट्रपति का इस्तीफा तभी मान्य होता है जब राष्ट्रपति उसे स्वीकृति देते हैं।
पहले भी दे चुके थे संकेत
10 जुलाई को एक कार्यक्रम में धनखड़ ने कहा था कि अगर सब ठीक रहा तो वे अगस्त 2027 में रिटायर होंगे। लेकिन इसके कुछ दिन बाद ही उन्होंने खुद से पद छोड़ने का फैसला ले लिया।
इस्तीफे के बाद बढ़ी राजनीतिक हलचल
धनखड़ के अचानक दिए गए इस्तीफे से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। विपक्ष का कहना है कि इसके पीछे बीजेपी की आंतरिक राजनीति हो सकती है, जबकि सत्ताधारी पार्टी ने इस पर फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं की है।