Lalu Yadav’s Grandson Named Iraj: राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने अपने पोते का नाम “इराज” रखा है। यह नाम तेजस्वी यादव और उनकी पत्नी राजश्री यादव के बेटे का है। खास बात ये है कि बेटे के नाम के साथ लालू यादव का नाम भी जोड़ा गया है। यानी अब तेजस्वी का बेटा “इराज लालू यादव” के नाम से पहचाना जाएगा।
अब सवाल ये है कि आखिर “इराज” नाम क्यों रखा गया और इसका मतलब क्या है?
“इराज” नाम का मतलब और धार्मिक जुड़ाव
हमारे समाज में बच्चों के नाम रखने में अर्थ और परंपरा का खास ध्यान रखा जाता है। “इराज” नाम के भी कई मायने हैं, जो न सिर्फ सुंदरता से जुड़े हैं, बल्कि धार्मिक और भावनात्मक रूप से भी गहरे हैं।
कुछ धार्मिक मान्यताओं के अनुसार “इराज” नाम को भगवान हनुमान से जोड़ा जाता है। वहीं कुछ लोग इसे प्रेम के देवता “कामदेव” से भी संबंधित मानते हैं। इसका अर्थ शक्ति, भक्ति और प्रेम से जुड़ा हुआ माना गया है।
प्रकृति से जुड़ा नाम और शांति का प्रतीक
“इराज” नाम का एक और अर्थ “फूल” या सुंदर पौधा भी होता है, जो सुंदरता और खुशबू का प्रतीक है। कुछ संस्कृत व्याख्याओं के अनुसार इसका मतलब होता है “जल से उत्पन्न हुआ” यानी यह नाम पवित्रता, ताजगी और शुद्धता का प्रतीक भी है।
माना जाता है कि जिन बच्चों का नाम “इराज” रखा जाता है, वे स्वभाव से शांत, भावुक और आकर्षक होते हैं। उनका व्यवहार उनके नाम के मायनों से मेल खाता है, जो उनके व्यक्तित्व को और बेहतर बनाता है।
नाम रखने के पीछे की भावनात्मक कहानी
लालू यादव ने इस नाम की घोषणा करते हुए बताया कि तेजस्वी की बड़ी बेटी “कात्यायनी” का जन्म शुभ नवरात्रि की अष्टमी को हुआ था। वहीं उनका पोता “इराज” मंगलवार को पैदा हुआ, जिसे बजरंग बली हनुमान का दिन माना जाता है। इसलिए इस पवित्र दिन को ध्यान में रखते हुए उसका नाम “इराज” रखा गया।
सोच-समझकर रखा गया नाम
नाम रखने से पहले उसका मतलब समझना बहुत जरूरी होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा नाम जो धार्मिक, प्राकृतिक और भावनात्मक पहलुओं से जुड़ा हो, बच्चे के व्यक्तित्व को निखारने में मदद करता है। “इराज” ऐसा ही एक नाम है, जो परंपरा और भावना से गहराई से जुड़ा हुआ है।