Russia-Ukraine: महीने बाद अब रूस और यूक्रेन के बीच की जमीनी लड़ाई समंदर की लहरों पर शिफ्ट होती नजर आ रही है. कालासागर में जबरदस्त तनाव है. पुतिन और नाटो देश आमने सामने हैं.
सारी लड़ाई ब्लैक सी पर कंट्रोल को लेकर है अपनी सीमाओ से करीब 7 हजार किलोमीटर दूर अमेरिका भी यहां अपनी ताकत दिखा रहा है.
यूक्रेन जंग में नाटो के अलावा सुपरपावर अमेरिका और यूरोपीय देशों की हथियारों की सप्लाई से पुतिन पहले ही चिढ़े हुए हैं और अब स्वीडन-फिनलैड की NATO के साथ जाने के फैसले ने उनके क्रोध की ज्वाला को और भड़का दिया है।
रूस ने कालिनग्राड में तैनात इस्कंदर मिसाइलों को परमाणु बम से लैस करके तैनात कर रखा है.कालिनग्राड से पोलैंड में नाटो के वो ठिकाने इसकी रेंज में हैं जहां से यूक्रेन को मदद मिल रही है। रूस साफ-साफ धमकी दे चुका है कि अगर नाटो देशों ने यूक्रेन को हथियारों की मदद नहीं रोकी तो वो नाटो के हथियार सप्लाई करने वाले ठिकानों को अब निशाना बनाएगा.
रूस के राष्ट्र्पति पुतिन का प्लान क्लियर है. वो किसी भी कीमत पर नाटो को रूस के ईर्द गिर्द विस्तार नहीं करने देंगे..यूक्रेन पर अटैक के पीछे सबसे बड़ी वजह यही है. जेलेंस्की नाटो का नाम लेकर रूस को ललकारते रहे और आखिरकार तनातनी जंगी बर्बादी तक पहुंच गई. कुछ ऐसा ही हाल मोल्दोवा का है…वो भी NATO क्लब में शामिल होने का ब्लू प्रिंट तैयार कर रहा है और उसके इसी कदम ने उसे रूस के निशाने पर लाकर खड़ा कर दिया.
वैसे भी मोल्दोवा की न तो जमीन और न ही सैन्य ताकत है. रूस के सामने मोल्दोवा कहीं नहीं टिकता मगर जिस तरह छोटा सा देश यूक्रेन जंग के दो महीने बाद भी बना हुआ है..और एंटी रूस ताकतों को जोड़ने में कामयाब रहा. ठीक वैसी ही प्लानिंग मोल्दोवा की हो सकती है मगर मोल्दोवा का जंगी इतिहास और रूसी समर्थित हथियारबंद टुकड़ी उसके मंसूबों को छिन्न भिन्न कर देंगे.
यूक्रेन को इस जंग में अमेरिका समेत तमाम नाटो देशों से पूरी सामरिक सहायता मिल रही है नाटो देशों के सैन्य साजो सामान की मदद से ही तबाही के बावजूद यूक्रेन रूस को मुंहतोड़ जवाब दे रहा है रूस की तबाही मचाने वाले मिलीट्री पावर के डर और यूक्रेन से नाटो को मिल रही मदद से प्रभावित होकर अब फिनलैंड और स्वीडन ने भी नाटो की सदस्यता के लिए आवेदन कर दिया है और इसी बात ने रूस का पारा गरम कर दिया है. रूस ने सीधे सीधे चेतावनी दे दी है कि असली युद्ध तो अभी बाकी है.
रूस इससे पहले भी अलग अलग मौके पर न्यू्क्लियर वॉर की धमकी देता रहा है लेकिन इस बार उसने सभी नाटो देशों के खिलाफ न्यूक्लियर वॉर शुरू करने की धमकी दी है.जाहिर है कि रूस की इस धमकी को हल्के में नहीं लिया जा सकता है क्योंकि अगर न्यूक्लियर वॉर हुआ. तो उसका सिर्फ एक ही अर्थ होगा. दुनिया की तबाही और रूसी मीडिया की मानें तो पुतिन ने सारे टारगेट फिक्स कर लिए हैं…एटमी मिसाइलों को नए सिरे से तैयार और तैनात करना भी शुरू कर दिया है.
(BY: VANSHIKA SINGH)