हाल ही में झारखंड कांग्रेस के तीन विधायकों के पास भारी मात्रा में कैश मिला है। जिसकी गिनती करने के लिए मशीन मंगवाई गई। इसी बीच TMC ने ED पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस विधायकों के पास से बरामद कैश मामले पर ED चुप्पी साध कर बैठा है। इस मामले को लेकर TMC ट्विटर हैंडल से एक के बाद एक कई ट्वीट किए।
क्या यह घटना अब झारखंड में दोहराई जाएगी ?
उन्होंने ट्वीट में कहा कि , ‘झारखंड के तीन कांग्रेसी विधायकों के पास से भारी मात्रा में कैश बरामदगी से कई सवाल खड़े होते हैं। हम यह देख चुके हैं कि भाजपा ने कैसे अलोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई सरकारों को गिराया है। क्या यह घटना अब झारखंड में दोहराई जाने वाली है?’
वहीं TMC ने विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी की भी जांच करने की मांग की कर रही है। क्योंकि अधिकारी ने हाल ही में कहा था कि महाराष्ट्र के बाद झारखंड, राजस्थान और पश्चिम बंगाल की बारी है।
सुवेंदु अधिकारी ने कहा था कि अब झारखंड सरकार गिरा दी जाएगी। क्या यह उन्हें जांच के दायरें में लाने के लिए काफी नहीं हैँ ? TCM ने कहा की मामले की पारदर्शिता के साथ जांच होनी चाहिए। TMC ने कहा कि हैरानी की बात है कि कैश बरामदगी पर सोर्स का पता नहीं चल पाया है।
ED के छापेमारी या प्रतिशोध की राजनीति ?
वहीं TMC ने शिवसेना सांसद संजय राउत पर ईडी की कार्रवाई को केंद्र में बीजेपी की ओर से विपक्ष की आवाज को दबाने की साजिश बताया है। साथ ही TMC सांसद शांतनु सेन ने ED के छापों की निंदा करते हुए इसे प्रतिशोध की राजनीति करार दिया।
उन्होंने बीजेपी पर तंज कसते हुए कहा, ‘यह संसद के भीतर और बाहर विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास है। संसद के भीतर आप को निलंबित कराते हैं और बाहर, आप विपक्षी नेताओं को धमकाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करते हैं।
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