Vice Presidential Election 2025: भारत में 2025 का उपराष्ट्रपति चुनाव खत्म हो चुका है और नतीजे भी सामने आ गए हैं। इस बार श्री सी. पी. राधाकृष्णन ने बड़ी जीत हासिल की। उन्हें कुल 452 वोट मिले, जबकि जीत के लिए 391 वोट चाहिए थे। वहीं विपक्ष के उम्मीदवार श्री बी. सुदर्शन रेड्डी को सिर्फ 300 वोट ही मिल सके। चुनाव के नतीजे आते ही पूरे देश में चर्चा शुरू हो गई। जहाँ समर्थकों ने खुशी जताई, वहीं विपक्ष ने हार को स्वीकार करते हुए लोकतांत्रिक व्यवस्था की तारीफ की।
हार के बाद सुदर्शन रेड्डी का बयान
हार के बाद सुदर्शन रेड्डी ने कहा कि वह सांसदों के फैसले को पूरी निष्ठा से स्वीकार करते हैं। उन्होंने कहा कि यह चुनाव उनके लिए सम्मान की बात रहा। उन्होंने लोकतंत्र पर भरोसा जताते हुए कहा कि भले ही उन्हें जीत नहीं मिली, लेकिन लोकतांत्रिक मूल्यों की लड़ाई आगे भी चलती रहेगी। साथ ही उन्होंने नए उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन को उनके कार्यकाल के लिए शुभकामनाएँ दीं।
विपक्ष को दिखी हार में ही जीत
कांग्रेस नेता जयाराम रमेश ने कहा कि विपक्ष ने इस बार अच्छा प्रदर्शन किया है। उन्हें कुल वोटों का 40 प्रतिशत समर्थन मिला, जबकि 2022 में विपक्ष को सिर्फ 26 प्रतिशत वोट ही मिल पाए थे। उन्होंने कहा कि भले ही बीजेपी चुनाव जीत गई हो, लेकिन यह उनकी नैतिक जीत नहीं है। विचारधारा की लड़ाई अब भी जारी रहेगी।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने क्या कहा
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि यह चुनाव सिर्फ सत्ता की लड़ाई नहीं था, बल्कि विचारों की जंग थी। उन्होंने उम्मीद जताई कि नए उपराष्ट्रपति लोकतांत्रिक परंपराओं का सम्मान करेंगे और विपक्ष को बराबरी का स्थान देंगे। उन्होंने कहा कि विपक्ष सत्ता के दबाव में नहीं आएगा और लोकतंत्र की मजबूती के लिए काम करता रहेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी जीत की बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राधाकृष्णन को जीत पर बधाई देते हुए कहा कि उनका जीवन समाज सेवा और गरीबों को सशक्त बनाने में लगा है। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा भरोसा है कि राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति के रूप में संविधान को मजबूत करेंगे और देश की तरक्की में योगदान देंगे।
इस चुनाव ने देश में लोकतंत्र की ताकत को फिर साबित कर दिया। हार और जीत से ऊपर उठकर नेताओं ने एक-दूसरे का सम्मान किया। यह दिखाता है कि भारत की राजनीति में संवाद और आपसी सहयोग कितना जरूरी है। अब सबकी नजरें नए उपराष्ट्रपति के कामकाज पर हैं, जिनसे समाज सेवा, समानता, न्याय और विकास को आगे बढ़ाने की उम्मीद की जा रही है।