फर्जी तरीके से मदरसे संचालित करने के मामले में प्रतापगढ़ नंबर एक पर है। जिले में 89 मदरसे बिना मान्यता के संचालित किए जा रहे है, जो प्रयागराज मण्डल के चारों जिलों में सर्वाधिक है। शासन द्वारा जांच कराए जाने पर फर्जीवाड़ा खुलकर सामने आया है।
गांव गांव खाक छानती रही जांच टीमें
दरअसल प्रतापगढ़ में मदरसों की जांच की गई तो चौकाने देने वाले तथ्य खुलकर सामने आए है। शासन की सख्ती के बाद जब अफसर नींद से जागे और जांच टीमों ने जिलेभर में हकीकत खंगाली तो पता चला कि बगैर मान्यता के जिले में 89 मदरसे संचालित किए जा रहे है। इस मामले में प्रयागराज मंडल में प्रतापगढ़ टॉप पर है। सरकार ने 12 तथ्यों पर मदरसों की जांच करने का निर्देश जारी किया था।
जिसके बाद जिलाधिकारी प्रतापगढ़ ने मजिस्ट्रेटों की अगुवाई में जांच टीमों का गठन किया। मदरसों की हकीकत खंगालने के लिए ये टीमें महीनों तक गांव गांव खाक छानती रही। बिना मान्यता के संचालित मदरसों की फंडिंग का स्रोत खंगालना जांच का मुख्य बिंदू था। क्योंकि अक्सर मदरसों पर फंडिंग को लेकर तरह तरह के आरोप लगते रहते है। बता दें कि सदर तहसील में 29, पट्टी में 16, 16, रानीगंज में, कुंडा में 13 और लालगंज तहसील में 15 मदरसे ऐसे पाए गए जो बिना मान्यता के संचालित थे।
चंदे से संचालित हो रहे मदरसे
मिली जानकारी के अनुसार कुछ मदरसों को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर मान्यता प्राप्त करना चाहते है। लेकिन उन्हें मान्यता देने पर रोक लगी हुई है। इस आस में मदरसे संचालित किए जा रहे है कि आज नहीं तो कल सरकार नीतियों में संसोधन करते हुए मदरसों को मान्यता प्रदान करेगी। लेकिन कुछ मदरसों की अपनी मजबूरियां भी है यथा मानक को पूरा न कर पाना।
एम0 एच0 बैतुल उलूम निस्वा आलिया बरई कुंडा का संचालन करने वाले वासिक खान ने बताया कि जिले में सैकड़ों मदरसे मान्यता प्राप्त है। जिन मदरसों को मान्यता नहीं मिली है उसके पीछे का कारण है कि वर्षों से सरकार ने मदरसों को मान्यता देने पर रोक लगा रखी है। जिसके चलते मान्यता नहीं मिल सकी है। जबकि उन मदरसों के पास पर्याप्त भूमि भवन और छात्र मौजूद हैं। मान्यता प्राप्त ना होने के कारम इन मदरसों को चंदे और फीस संचालित किया जा रहा है। कुछ ऐसे मदरसे जो सिर्फ दीनी तालीम के लिए जाने जाते वो चंदे सन्चालित हो रहे है। वहां छात्रों से फीस नहीं ली जाती। जबकि उनके पास संस्था के नाम से भूमि और भवन उपलब्ध है।
जिले में 160 मान्यता प्राप्त मदरसे
अल्पसंख्यक अधिकारी एसएन तिवारी ने बताया कि शासन द्वारा निर्धारित बिंदुओं के आधार पर मदरसों के सर्वे का काम पूरा हो चुका है जिलाधिकारी के माध्यम से रिपोर्ट शासन को भेजी जा रही है। जिले में 160 मान्यता प्राप्त मदरसे है इसके अलावा 89 मदरसे बिना मान्यता के सन्चालित हो रहे है। ये मदरसे चंदे और फीस द्वारा संचालित होते है तमाम ऐसे भी है जो फीस नहीं लेते सिर्फ चंदे के बूते सन्चालित हो रहे है। इनके पास संस्था के नाम से जमीने व भवन भी हैं। कुछ मदरसे ऐसे है जो मान्यता लेना चाहते है लेकिन मान्यता पर रोक के चलते इन्हें मान्यता नहीं मिल पा रही। तो वहीं कुछ मदरसे ऐसे भी है जो मान्यता लेना ही नहीं चाहते।