नई दिल्ली। परीक्षाओं में बढ़ती धांधली को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने संसद के बजट सत्र के दौरान लोकसभा में सार्वजनिक परीक्षा विधेयक 2024 पेश किया। सरकार द्वारा पेश विधेयक संसद के लोकसभा में पास हो गया। अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा जिसके बाद राष्ट्रपति के अनुमति के बाद यह कानून बन जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा सरकारी भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक या नकल जैसी धांधली को रोकने के लिए इन परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वालों लोगों और संगठनों के लिए मिनिमम 3 साल और अधिकतम 10 साल की सजा और 1 करोड़ रुपए तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। इसके साथ साथ अगर कोई परीक्षा स्थल इस तरह के किसी कार्यों में संलिप्त पाया जाता है तो उस सेंटर को 4 साल के लिए वैध कर दिया जाएगा। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने सार्वजनिक परीक्षा विधेयक 2024 लोकसभा में पेश किया।
जारी होगा गैर जमानती वारंट
यह विधेयक कानून बनने के बाद पुलिस मामलें में किसी वारंट के बिना ही संदिग्धों को गिरफ्तार कर सकती है। जिसके बाद आरोप साबित होने समय तक आरोपियों को जमानत नहीं मिलेगी। अपराधों को समझौते से भी नहीं सुलझाया जा सकेगा। विधेयक में बताए गए किसी भी अपराध की जांच पुलिस उपाधीक्षक या सहायक पुलिस आयुक्त से नीचे के अधिकारियों को अधिकार नहीं होगा।
इन अपराधों के लिए मिलेगी सजा
- किसी भी परीक्षा में प्रश्नपत्र या उसका आंसर लीक करना।
- प्रश्नपत्र या आंसर की लीक में किसी की मदद करना, या उसमें साथ में देना।
- बिना किसी के अनुमति के प्रश्नपत्र या OMR शीट अपने पास रखना।
- परीक्षार्थी की मदद करना।
- आंसर शीट के साथ छेड़छाड़ करना
- सरकारी एजेंसी द्वारा तय मानकों का उल्लंघन करना।
- मेरिट के लिए डॉक्यूमेंट में छेड़छाड़ करना
- परीक्षा में सिक्योरिटी मानकों का उल्लंघन करना।
- परीक्षा के दौरान कंप्युटर सिस्टम या नेटवर्क में छेड़छाड़ करना।
- परीक्षार्थी के शीट अरेंजमेंट, परीक्षा की तिथि, परीक्षा का समय आदि में छेड़छाड़ करना।
- परीक्षा में परिणाम के लिए ऑथारिटी को धमकाना।
- परीक्षा या एग्जाम ऑथारिटी से जुड़ी नकली वेबसाइट बनाना।
- नकली एडमिट कार्ड जारी करना, या फिर परीक्षा करवाना।
सार्वजनिक परीक्षा विधेयक 2024 के दायरे में ये परीक्षाएं
- संघ लोक सेवा आयोग (UPSC)
- कर्मचारी चयन आयोग (SSC)
- रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB)
- बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (IBPS)
- राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA)