Rahul Gandhi On Debate With PM Modi: लोकसभा चुनाव 2024 के चौथे चरण की वोटिंग के लिए तैयारियां चल रही हैं। 13 मई को चौथे चरण के लिए वोट डाले जाएंगे। इससे पहले राजनैतिक पार्टियों के बीच बयानबाजी भी तेज हो गई है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राहुल गांधी के डिबेट को लेकर भी चर्चा हो रही है। बता दें कि चुनाव के इस दौर में दो पूर्व जजों और एक पत्रकार ने पीएम मोदी और राहुल गांधी को डिबेट का न्योता भेजा है। राहुल गांधी ने इस चुनौती को स्वीकार कर लिया है।
न्योता मिलने के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi on Debate) ने जस्टिस लोकुर, शाह और पत्रकार एन राम की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के साथ डिबेट की चुनौती को स्वीकार कर ली है। वहीं, उन्होंने ये भी कहा कि वो पीएम मोदी को जानते हैं, वो उनके साथ डिबेट नहीं करेंगे।
बता दें कि लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी ने कहा कि “मैं 100 पर्सेंट किसी भी मंच पर प्रधानमंत्री से ‘जनता के मुद्दों’ पर डिबेट करने को तैयार हूं, पर मैं उन्हें जानता हूं, वो 100% मुझसे डिबेट नहीं करेंगे।” वहीं राहुल गांधी ने पीएम को दूसरा ऑप्शन देते हुए आगे कहा कि अगर पीएम मेरे साथ डिबेट नहीं करना चाहते हैं तो हमारी पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ डिबेट कर सकते हैं।
डिबेट पर Rahul Gandhi ने क्या कहा?
दरअसल, एक कार्यक्रम के दौरान राहुल गांधी से एक शख्स ने सवाल करते हुए कहा कि जजों ने प्रधानमंत्री और आपकी डिबेट को लेकर एक चिट्ठी लिखी है। उन लोगों ने आपको पीएम मोदी के साथ डिबेट करने के लिए न्योता दिया है तो क्या आप इसे स्वीकार करते हैं। इस पर राहुल गांधी ने कहा, “मैं 100 पर्सेंट किसी से भी डिबेट करने के लिए तैयार हूं. मगर मैं प्रधानमंत्री को जानता हूं, प्रधानमंत्री मुझसे डिबेट नहीं करेंगे।”
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी लोकुर, हाई कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस एपी शाह और वरिष्ठ पत्रकार एन राम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सार्वजनिक बहस के लिए निमंत्रण पत्र भेजा था। इस चिट्ठी में लिखा कि जनता ने दोनों पक्षों की ओर से केवल आरोप और चुनौतियां ही सुनीं हैं, लेकिन कोई सार्थक प्रतिक्रिया नहीं सुनी। आज की डिजिटल दुनिया में गलत सूचना, गलत बयानबाजी और हेरफेर की बहुत अधिक प्रवृत्ति है। चिट्ठी में दोनों पक्षों से न्योते को स्वीकार करने की अपील की गई।
यह भी पढ़ें : दिल है कि मानता नहीं… कन्नौज की रैली में Rahul-Akhilesh में तालमेल की कमी