रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार शासन-प्रशासन की तीव्र कार्यप्रणाली के कारण लोक सेवा गारंटी अधिनियम का लाभ सहजता से जनता को मिल रहा है। सीएम की मंशा के अनुरूप सभी शासकीय कार्यालयों में लोकसेवा गारंटी के तहत अधिसूचित सेवाएं समय-सीमा में उपलब्ध होने से शासन-प्रशासन के प्रति आम जान का विश्वास लगातार बढ़ रहा है। छत्तीसगढ़ लोक सेवा गारंटी योजना के अंतर्गत प्रत्येक व्यक्ति को इस अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार अधिसूचित नियत समय के अंदर राज्य में लोक सेवा प्राप्त करने का अधिकार दिया गया है।
पिछले चार सालों में 7 लाख 23 हजार 55 प्रकरण रद्द
अकेले महासमुंद जिले में पिछले चार सालों में 7 लाख 23 हजार 55 प्रकरण रद्द हुए हैं। इसके अलावा विभिन्न विभागों से लगभग 75 विषयों से संबंधित कुल 8 लाख 17 हजार 315 आवेदन में से 7 लाख 23 हजार 55 आवेदन समय सीमा में निराकृत किए गए। इसमें से कुछ वापस हो गए और कुछ दस्तावेजों की कमी की वजह से निरस्त कर दिए गए।
वहीं इनमें से सबसे ज्यादा आय प्रमाण पत्र के 3,14,447 आवेदन, मूल निवास प्रमाण पत्र के 1,31,866 आवेदन, अन्य पिछड़ वर्ग प्रमाण पत्र के 67231 आवेदन खंडित किए गए। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति प्रमाण पत्र के 48,375 इसी प्रकार भुइयां से नकल हेतु 30,671 और जन्म पंजीकरण व प्रमाण पत्र के 13,630 रद्द किए गए।
ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना को किया लागू
छत्तीसगढ़ सरकार ने सुशासन की धारणा को ध्यान रखा और नागरिकों को सेवाएं प्रदान करने के लिए विभिन्न विभागों में ई-डिस्ट्रिक्ट प्रोजेक्ट की परिकल्पना कर उसे राज्य में लागू किया है। बता दें कि कॉमन सर्विस सेंटर, लोक सेवा केंद्र, ऑनलाइन और इंटरनेट के द्वारा कुशल व्यक्तिगत विभाग सेवाएं प्रदान करने में मदद मिल रही है। ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना को राज्य में लोक सेवा गारंटी योजना के तहत अमल में लाया जा रहा है।