जातीय जनगणना को लेकर एक बार फिर यूपी की सियासत गर्माने लगी है। बजट सत्र के दौरान विधानसभा में उठा जातीय जनगणना का मुद्दा अभी ठंडा नहीं पड़ा था कि एक बार इस मुद्दे ने रफ्तार पकड़ ली है। दरअसल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने जातीय जनगणना को लेकर सपा और बहुजन समाज पार्टी निशाना साधा है।
SP-BSP को क्यों कहा पिछड़े और दलितों का सबसे बड़ा दुश्मन
उन्होंने एक न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू में मायावती और अखिलेश यादव को पिछड़ा वर्ग व दलितों का सबसे बड़ा दुश्मन बता डाला। वहीं निकाय चुनाव को लेकर ओपी राजभर ने कहा कि ओबीसी आयोग ने यूपी सरकार को आरक्षण की रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में जो फॉर्मूला दिया गया है अगर उसी के आधार पर आरक्षण दिया जाएगा तो वह पूरा सपोर्ट करेंगे। उनके निशाने पर सबसे ज्यादा अखिलेश यादव ही रहे।
अखिलेश यादव का नाम लेकर राजभर ने बीच-बीच में कई बार सपा प्रमुख पर कटाक्ष किए। राजभर ने कहा कि वह अखिलेश के साथ आठ महीने रहे हैं। इस दौरान वह उनसे जातीय जनगणना की बात करते रहे लेकिन उन्हें होश तक नहीं आया। राजभर का आरोप है कि अखिलेश केवल दिखावे के लिए ही जातीय जनगणना की बात कहते हैं। उन्होंने सपा और बसपा को लेकर बड़ा सवाल करते हुए कहा कि अगर दोनों ही पार्टियां दलितों और पिछड़े वर्ग की इतनी ही हितैषी हैं तो एक क्यों नहीं हो जातीं।
बजट सत्र में अखिलेश और राजभर की हुई थी तीखी नोकझोंक
वहीं बजट सत्र के दौरान भी अखिलेश और ओपी राजभर के बीच सदन में तीखी नोकझोंक देखने को मिली थी। दरअसल सपा प्रमुख सत्र के दौरान सदन में जातीय जनगणना को लेकर मांग कर रहे थे। अखिलेश के इस सवाल पर राजभर ने बीच में ही टोकते हुए कहा कि जब आपकी सरकार थी तब जातीय जनगणना क्यों नहीं कराई।