लखनऊ। अयोध्या में होने वाले प्रभु श्री राम के प्राणप्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए पिछले 5 दिनों से विशेष अनुष्ठान जारी है। अनुष्ठान के अगली कड़ी में रविवार को अलग अलग नदियों से लाए गए 114 कलशों के जल से भगवान राम की प्रतिम को स्नान कराया जाएगा। जिसके बाद उनके मंडप की पूजा होगी। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ट्वीट बताया कि ‘कल रविवार को स्थापित देवताओं का दैनिक पूजन, हवन, पारायण, आदि कार्य, प्रातः मध्वाधिवास, मूर्ति का 114 कलशों के विविध औषधीयुक्त जल से स्नपन, महापूजा, उत्सवमूर्ति की प्रासाद परिक्रमा, शय्याधिवास, तत्लन्यास, महान्यास आदिन्यास, शान्तिक-पौष्टिक – अघोर होम, व्याहति होम, रात्रि जागरण, सायं पूजन एवं आरती होगी। इसके बाद 22 जनवरी को मंदिर गर्भ गृह में प्राणप्रतिष्ठा होगा।
अनुष्ठान के 5वें दिन चीनी व फलों से पूजा
शनिवार को अनुष्ठान कार्यक्रम के अंतर्गत 5 वें दिन राम मंदिर में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा से पहले चीनी और फलों के साथ दैनिक प्रार्थना और हवन हुआ। 5 वें दिन के कार्यक्रम की जानकारी देते हुए श्री राम जन्मभूमित तीर्थ ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि, “20 जनवरी 2024 को दैनिक पूजा-अर्चना, हवन आदि हुआ,इसके साथ ही चीनी व फलों से अनुष्ठान भी हुआ। मंदिर के प्रांगण में 81 कलश स्थापित कर पूजन किया गया। संध्या पूजा व आरती भी हुई। ”
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प्रतिमा की तस्वीर लीक होने पर पुजारी ने की जांच की मांग
उसे पहले शुक्रवार को मूर्ति को गर्भ गृह में विराजमान किया गया। जिसके बाद खुली आंखों वाली मूर्ति की कई कथित तस्वीरें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो गईं। वायरल तस्वीर को गलत बताते हुए आचार्य सत्येन्द्र दास ने मीडिया को बताया कि, मान्यताओं के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा के पूरा होने से पहले मूर्ति की आंखें प्रकट नहीं की जा सकतीं है। जो तस्वीर फैल रही रही है वी आँखें दिखाने वाली तस्वीरें गर्भ गृह में विराजित असली मूर्ति की नहीं है, लेकिन अगर तस्वीर उसी की है तो इसकी जांच होनी चाहिए कि किसने आंखें दिखाईं और तस्वीरें लीक कीं।