RBI Digital Rupee: देश में डिजिटल रुपी यानी कि डिजिटल करेंसी लॉन्च करने का रास्ता साफ हो गया है। बता दें कि RBI आज डिजिटल रुपी लॉन्च करेगा। रिटेल सेगमेंट के डिजिटल रुपी को चुनिंदा जगहों और क्लोज ग्रुप कस्टमर्स और मर्चेंट के लिए पेश किया जाएगा। वहीं बजट सत्र के दौरान पेश हुए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पहली बार डिजिटल रुपी का जिक्र किया था। वित्त मंत्री ने कहा था, “डिजिटल रुपी को इस वित्त वर्ष में रोल आउट किया जाएगा”। “रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 7 अक्टूबर को CBDC (सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी) को लेकर एक कॉन्सेप्ट नोट पेश किया था, जिसमें डिजिटल रुपी के जल्द लाए जाने का जिक्र किया गया था हालांकि अभी सिर्फ पायलट लॉन्च हो रहा है, जिसे चुनिंदा लोगों के लिए पोल आउट किया जाएगा। भारतीय रिजर्व बैंक का यह पायलट यूज केस यूजर्स के बीच में डिजिटल रुपी के बारे में अवेयरनेस क्रिएट करेगा, ताकि इस तरह की करेंसी को भविष्य में इस्तेमाल करने में किसी भी तरह की कोई परेशानी का सामना ना करना पड़ा।
डिजिटल करेंसी के पायलट प्रोजेक्ट में नौ बेंक गवर्नमेंट सिक्योरिटीज में लेनदेन के लिए इस डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल करेंगे। इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी यानी CBDC का नाम दिया गाया है और भारत की ये पहली डिजिटल करेंसी आपके लिए बहुत कुछ बदलने वाली है। लेकिन सबसे पहले आपको बता दें कि CBDC क्या होता है।
क्या है CBDC
सीबीडीसी किसी केंद्रीय बैंक की तरफ से जारी होने वाली मौद्रिक नोटों का डिजिटल स्वरूप है। दुनियाभर के केंद्रीय बैंक सीबीडीसी लाने की संभावनाओं को टटोल रहें है। सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में डिजिटल रुपया लाने की घोष्णा की थी।
CBDC (डिजिटल रुपी) के फायदे
आरबीआई ने डिजिटल करेंसी को दो कैटेगरी- CBDC-W और CBDC-R में डिवाइड किया है। CBDC-W को होलसेल करेंसी के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा, वहीं CBDC-R को रिटेल करंसी के तौर पर इस्तेमाल कर सकेंगे। इसका इस्तेमाल सभी प्राइवेट, नॉन-फाइनेंशियल कंज्यूमर्स और बिजनेस कर पाएंगे। आरबीआई के मुताबिक, चिजिटल रुपी की वजह से भारत की डिजिटल इकोनॉमी में बढ़ोतरी होगी।
डिजिटल रुपये के क्या फायदे है
क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल भुगतान विधियों के लाभ सीबीडीसी में मौजूद होंगे। एक डिजिटल मुद्रा को फिजिकल तौर पर नष्ट करना, जलाया या फाड़ा नहीं जा सकता हैं। इस तरह ये नकदी का एक डिजिटल रुप है जिसे नोट की जगह लाइफलाइन के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। अन्य क्रिप्टोकरेंसी की तुलना में डिजिटल रुपये का एक अन्य प्रमुख लाभ यह है कि इसे एक इकाई द्वारा विनियमित किया जाएगा, जिससे बिटकॉइन जैसी अन्य आभासी मुद्राओं से जुड़े अस्थिरता जोखिम को कम किया जा सकेगा।
पायलेट प्रोजेक्ट में ये बैंक शामिल है
रिजर्व बैंक के हवाले से समाचार एजेंसी ‘PTI’ ने लिखा है कि पायलट प्रोजेक्ट में सेकेंडरी मार्केट ट्रांजैक्शन का सेटलमेंट होगा जिसमें सरकारी सिक्योरिटी को शामिल किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के लिए अभी देश के 9 बैंक-स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसाआई बैंक, कोटक बैंक, यस बैंक आईडीएफसी फसर्ट बैंक और चएसबीसी बैंक को शामिल किया गया है.
RBI ने अपने स्टेटमेंट में क्या कहा
RBI ने 31 अक्टूबर 2022 को स्टेटमेंट जारी करके कहा, “पहला पायलट (होलसेल सेग्मेंट) यूज केस गवर्नमेंट सिक्योरिटीज के तौर पर सैकेंडरी मार्केट ट्रांजेक्शन के सेटलमेंट के लिए लाया जा रहा है। इसका यूज इंटर- बैंक मार्केट के लिए प्रभावी हो सकता है। डिजिटल रुपी को भविष्य में इस पायलट के आधार पर होलसेल ट्रांजेक्शन, क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट आदि के लिए यूज किया जा सकता है.”
कैश में आप करा सकेंगे कन्वर्ट
RBI के मुताबिक CBDC एक पेमेंट का मीडियम होगा। जिसे सभी नागरिक, बिजनेंस, सरकार एवं अन्य के लिए एक लीगल टेंडर के तौर पर जारी किया जाएगा। इसकी वैल्यू सेफ स्टोर वाले लीगलसटेंडर नोट के बराबर ही होगी। यूजर्स इसे बैंक मनी बैंक मनी और कैश में आसानी से कन्वर्ट करा सकेंगे.
भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर टी रबी शंकर ने कहा था कि यह डिजिटल करेंसी मार्केट में मौजूद अन्य वर्चुअल करेंसी जैसे कि Bitcoin को खत्म कर एक बेहतरीन जगह बना लेगी. बता दें, केंद्र का बैंक Bitcoin जैसे क्रिप्टो और वर्चुअल करेंसी का शुरू से ही विरोध कर रही है.