नई दिल्ली। योगी सरकार के लगातार निशाने पर चल रहे सपा के वरिष्ठ नेता आजम खान को अब सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। दरअसल बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने आजम खान को भड़काऊ भाषण मामले में सेशन कोर्ट से मिली तीन साल की सजा पर अंतरिम रोक लगाकर अपने दोष पर रोक हासिल करने के लिए एक दिन का मौका दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने रामपुर के सेशंस जज को निर्देश दिया कि वो 10 नवंबर को ही आजम खान का आवेदन सुनकर फैसला लें।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्वाचन आयोग से कहा कि अगर आजम खान के पक्ष में फैसला नहीं आता, तो वह 11 नवंबर को चुनाव की अधिसूचना जारी कर सकता है। सात नवंबर को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यूपी सरकार की ओर से पेश वकील गरिमा प्रसाद से राज्य सरकार का निर्देश लेकर आने को कहा था। कोर्ट ने गरिमा प्रसाद से कहा था कि आप आजम खान को सांस तो लेने का समय दीजिए, जल्दबाजी क्या है।
इस पर गरिमा प्रसाद ने एक फैसले का जिक्र किया था तब कोर्ट ने कहा कि कम से कम कोर्ट जाने के लिए पर्याप्त समय तो मिलना ही चाहिए। वो दोषी करार दिए जाते हैं और अगले ही दिन सीट खाली घोषित कर दी जाती है। क्या आप सभी सदस्यों के साथ ऐसा ही करेंगे। आजम खान की ओर से वरिष्ठ वकील पी चिदंबरम ने कहा था कि निचली अदालत के फैसले के बाद अगले ही दिन सीट खाली घोषित कर दी गई।
गौरतलब है कि भड़काऊ भाषण के मामले में रामपुर की ट्रायल कोर्ट ने 27 अक्टूबर को आजम खान को तीन साल की सजा सुनाई थी। सजा सुनाने के अगले ही दिन आजम को अयोग्य घोषित करार देते हुए रामपुर विधासभा सीट खाली घोषित कर दी गई। इसके बाद पांच नवंबर को निर्वाचन आयोग ने रामपुर विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव के लिए मतदान की तारीख पांच दिसंबर घोषित किया। चुनाव आयोग के कार्यक्रम के मुताबिक इस उपचुनाव के लिए 10 नवंबर को अधिसूचना जारी होगी।