Holi and lunar eclipse 2025 : क्योंकि 14 मार्च 2025 को साल का पहला चंद्र ग्रहण भी लगेगा। यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा, जिसे ब्लड मून यानी लाल चांद भी कहा जाता है। हिंदू धर्म में चंद्र ग्रहण को खास माना जाता है, क्योंकि इसे शुभ नहीं माना जाता।
चंद्र ग्रहण तब होता है, जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है, जिससे चंद्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ती है और वह कुछ देर के लिए अदृश्य हो जाता है। इस बार ग्रहण होली की रात नहीं बल्कि दिन के समय पड़ेगा, इसलिए भारत में यह नजर नहीं आएगा और इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा।
भारत में नहीं दिखेगा यह चंद्र ग्रहण
भारतीय समय के मुताबिक, यह चंद्र ग्रहण सुबह 9:29 बजे शुरू होगा, 10:39 बजे आंशिक रूप से दिखाई देगा, और फिर 11:56 बजे समाप्त हो जाएगा।
इस दौरान भारत में दिन होगा, इसलिए यह यहां नहीं दिखेगा। इसका मतलब है कि होलिका दहन और होली का त्योहार बिना किसी बदलाव के मनाया जाएगा।
यह ग्रहण उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत महासागर, दक्षिणी उत्तरी ध्रुव, ऑस्ट्रेलिया, एशिया के कुछ हिस्सों, अटलांटिक महासागर और यूरोप में नजर आएगा।
क्यों होता है चंद्र ग्रहण
वैज्ञानिक दृष्टि से, जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच में आ जाती है, तो सूर्य की रोशनी चंद्रमा तक नहीं पहुंच पाती और हमें चंद्र ग्रहण दिखाई देता है।
ज्योतिष के अनुसार, इस घटना को समुद्र मंथन की कथा और राहु केतु से जोड़ा जाता है, इसलिए इसे शुभ नहीं माना जाता।
क्यों कहलाता है ब्लड मून
जब चंद्रमा पूरी तरह पृथ्वी की छाया में आ जाता है, तो वह लाल रंग का दिखता है। इसीलिए इसे ब्लड मून कहा जाता है।
कितने प्रकार के होते हैं चंद्र ग्रहण
पूर्ण चंद्र ग्रहण
जब पृथ्वी की छाया पूरी तरह चंद्रमा को ढक लेती है।
इस दौरान चंद्रमा पूरी तरह काला या लाल दिख सकता है।
आंशिक चंद्र ग्रहण
जब पृथ्वी की छाया चंद्रमा के कुछ हिस्से को ढकती है।
इसमें चंद्रमा का एक भाग चमकता रहता है, जबकि दूसरा भाग काला दिखता है।
पेनुमब्रल चंद्र ग्रहण
जब पृथ्वी की हल्की छाया चंद्रमा पर पड़ती है।
यह कम नजर आता है और इसे देख पाना मुश्किल होता है।
14 मार्च 2025 को होली और चंद्र ग्रहण एक ही दिन पड़ रहे हैं, लेकिन यह ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा और इसका कोई धार्मिक असर नहीं होगा। लोग बिना किसी चिंता के होलिका दहन और होली का आनंद ले सकते हैं। यह एक खगोलीय घटना है, जिसे वैज्ञानिक नजरिए से देखना ही बेहतर होगा।