Hanuman Bahuk benefits : हनुमान जी को हिंदू धर्म में भगवान शिव का 11वां रूद्र अवतार माना गया है। उन्हें बजरंगबली, पवनपुत्र और संकटमोचन जैसे कई नामों से पुकारा जाता है। मंगलवार का दिन हनुमान जी की पूजा के लिए सबसे शुभ माना जाता है। माना जाता है कि सच्चे मन से उनकी आराधना करने से जीवन के बड़े से बड़े संकट टल जाते हैं। अगर कोई व्यक्ति लंबे समय से बीमारियों और परेशानियों से जूझ रहा हो, तो उसे मंगलवार के दिन हनुमान बाहुक का पाठ करना चाहिए। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह पाठ सभी परेशानियों का अंत कर सकता है।
हनुमान बाहुक की रचना
हनुमान बाहुक की रचना प्रसिद्ध संत गोस्वामी तुलसीदास ने की थी। कहा जाता है कि तुलसीदास जी कलयुग के प्रभाव से शारीरिक कष्टों और बीमारियों से परेशान थे। इन परेशानियों से छुटकारा पाने के लिए उन्होंने हनुमान बाहुक की रचना की। इसके पाठ से उनकी सारी शारीरिक पीड़ाएं समाप्त हो गईं।
पाठ कब और कैसे करें
मंगलवार के दिन सुबह स्नान करके हनुमान जी की मूर्ति या तस्वीर के सामने बैठें। एक पात्र में जल भरें और उसमें तुलसी का पत्ता डालें। हनुमान जी को लाल फूल, अबीर और गुलाल चढ़ाएं। गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं और सुनिश्चित करें कि वह पाठ के अंत तक जलता रहे। फिर हनुमान बाहुक का पाठ करें। पाठ खत्म होने के बाद पात्र का जल तुलसी के पत्ते सहित पी लें या जिसके लिए पाठ किया हो, उसे पिला दें।
पाठ के लाभ
हनुमान बाहुक का पाठ करने से शारीरिक कष्ट, बीमारियां और बुरी शक्तियों का नाश होता है। माना जाता है कि यह पाठ भूत-प्रेत बाधाओं से भी रक्षा करता है। जो लोग नियमित रूप से हनुमान बाहुक का पाठ करते हैं, उन पर संकटमोचन हनुमान जी की कृपा बनी रहती है। उनके जीवन में आने वाली समस्याएं धीरे-धीरे समाप्त होने लगती हैं।
आध्यात्मिक शक्ति और विश्वास
यह पाठ न केवल व्यक्ति को शारीरिक रूप से स्वस्थ करता है, बल्कि उसे मानसिक और आध्यात्मिक शक्ति भी प्रदान करता है। हनुमान जी के प्रति पूर्ण विश्वास और श्रद्धा से किया गया यह पाठ भक्त को हर तरह के कष्टों से मुक्ति दिलाता है।