Mehandipur Balaji temple भारत अपनी धर्मनिरपेक्षता और सांस्कृतिक विविधता के लिए मशहूर है। जहां एक ओर यह अपने भव्य किलों, महलों और पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है, वहीं दूसरी ओर धार्मिक स्थलों, मंदिरों, मस्जिदों और चर्चों के लिए भी प्रसिद्ध है। राजस्थान, जो अपनी शाही विरासत के लिए जाना जाता है, मेहंदीपुर बालाजी जैसे चमत्कारी मंदिरों के लिए भी जाना जाता है। आज हम आपको इस खास मंदिर की यात्रा पर ले चलेंगे।
मंदिर का इतिहास और मान्यताएँ
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर राजस्थान के दौसा जिले में स्थित है और भगवान हनुमान जी को समर्पित है। इसे बालाजी के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि इस मंदिर में भगवान अपने भक्तों को बुरी आत्माओं और समस्याओं से छुटकारा दिलाते हैं। मंदिर के इतिहास की बात करें तो यह लगभग 1000 साल पुराना है। कहा जाता है कि यहां भगवान की मूर्ति स्वयं प्रकट हुई थी।
भक्तों की अनोखी श्रद्धा
यहां आने वाले भक्त बालाजी को बूंदी के लड्डू और भैरव बाबा को उड़द की दाल चढ़ाते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से बुरी आत्माओं से छुटकारा मिलता है। इस मंदिर में हर साल लाखों लोग अपनी समस्याओं के समाधान के लिए आते हैं। खासतौर पर शनिवार और मंगलवार को यहां भारी भीड़ होती है।
चमत्कारिक शक्तियों का मंदिर
मंदिर में तीन देवताओं की पूजा की जाती है बालाजी, प्रेतराज सरकार, और भैरव बाबा। लोग मानते हैं कि ये देवता बुरी आत्माओं को दूर भगाते हैं। यहां आने वाले भक्तों को काले रंग की गेंद खरीदकर हनुमान जी को अर्पित करनी होती है। इसे जलाने से सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं।
डरावना लेकिन रोचक अनुभव
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में कदम रखते ही आपको चीखने चिल्लाने की आवाजें सुनाई देंगी। यहां कई लोग, जो बुरी शक्तियों से पीड़ित होते हैं, जोर जोर से चिल्लाते हैं। कुछ को लोहे की जंजीरों में बंधा भी देखा जा सकता है। यह अनुभव कमजोर दिल वालों के लिए डरावना हो सकता है।
यात्रा से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
मंदिर से कोई भी प्रसाद या पानी वापस ले जाना अशुभ माना जाता है। यहां किसी अजनबी से बात करने या छूने से बचना चाहिए क्योंकि इससे बुरी आत्माएं आपको भी प्रभावित कर सकती हैं। जयपुर से 99 किमी दूर स्थित यह मंदिर सड़क, रेल और हवाई मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है।