भारत को मंदिरों का देश कहा जाता है, जहां लाखों मंदिर मौजूद हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश का सबसे अमीर मंदिर कौन सा है? हाल ही में मंदिरों की आय और उस पर टैक्स को लेकर राजनीतिक बहस छिड़ी हुई है। कांग्रेस का आरोप है कि बीजेपी सरकार मंदिरों को जीएसटी बकाया का नोटिस भेज रही है, जबकि बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस इस मामले को गलत तरीके से पेश कर रही है। आइए जानते हैं देश के सबसे अमीर मंदिर की कमाई और उस पर लगने वाले टैक्स की पूरी जानकारी।
कौन सा मंदिर सबसे ज्यादा अमीर है?
रिपोर्ट के अनुसार, भारत का सबसे अमीर मंदिर ट्रस्ट तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (TTD) है। वित्त वर्ष 2025 में इस मंदिर की अनुमानित आय 4,774 करोड़ रुपये होने की संभावना है, जिस पर इसे 1.5 प्रतिशत से भी कम जीएसटी देना होगा।
नवंबर 2024 में, तिरुवनंतपुरम स्थित श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर को बकाया टैक्स भुगतान के लिए नोटिस भेजा गया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, सात सालों में इस मंदिर पर सिर्फ 1.57 करोड़ रुपये का टैक्स बकाया था, जबकि 2014 में इसने अकेले 700 करोड़ रुपये की कमाई की थी।
मंदिरों की कमाई कहां से होती है?
वैष्णो देवी मंदिर ने वित्त वर्ष 2024 में 683 करोड़ रुपये की कमाई की, जिसमें से 255 करोड़ रुपये सिर्फ भक्तों के चढ़ावे से आए।
तिरुपति मंदिर की कुल आय 4,800 करोड़ रुपये तक पहुंच सकती है, जिसमें से बड़ी राशि हुंडी (दान पेटी) से आती है।
टैक्स की देनदारी
वित्त वर्ष 2021 से 2025 के बीच, तिरुपति मंदिर ने करीब 130 करोड़ रुपये का जीएसटी भरा है।
हालांकि, मंदिरों के बारे में विस्तृत वित्तीय जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाती, लेकिन रिपोर्ट्स बताती हैं कि भारत के दो सबसे बड़े मंदिर ट्रस्टों की कमाई पिछले 7 वर्षों में दोगुनी हो गई है।
साल-दर-साल बढ़ रही है कमाई
तिरुपति ट्रस्ट का बजट वित्त वर्ष 2017 में 2,678 करोड़ रुपये था, जो 2025 में बढ़कर 5,145 करोड़ रुपये हो गया।
वैष्णो देवी ट्रस्ट की आय वित्त वर्ष 2017 में 380 करोड़ रुपये थी, जो 2024 में 683 करोड़ रुपये तक पहुंच गई।
मंदिरों पर कितना टैक्स लगता है?
तिरुपति मंदिर का जीएसटी भुगतान
2017: 14.7 करोड़ रुपये
2022: 15.58 करोड़ रुपये
2023: 32.15 करोड़ रुपये
2024: 32.95 करोड़ रुपये
प्रसाद और धार्मिक आयोजन – जीएसटी से मुक्त होते हैं।
दान से मिलने वाली आय – वैष्णो देवी मंदिर ट्रस्ट ने वित्त वर्ष 2024 में 37 प्रतिशत आय सिर्फ दान से अर्जित की।
कमरों और हॉल का किराया – यदि कमरे का किराया 1,000 रुपये से कम हो और सामुदायिक हॉल या खुले स्थान का किराया 10,000 रुपये से कम हो, तो टैक्स नहीं लगता।
छोटी दुकानों का किराया – यदि किसी दुकान या अन्य स्थान का मासिक किराया 10,000 रुपये से कम है, तो उस पर टैक्स नहीं लगता।
ट्रस्टों की अन्य कमाई
तिरुपति और वैष्णो देवी ट्रस्ट अपने परिसर में स्मारिका दुकानें और हेलीकॉप्टर सेवाएं भी संचालित करते हैं, जिनसे टैक्स योग्य आय होती है।
वैष्णो देवी ट्रस्ट ने वित्त वर्ष 2024 में अपनी 19 प्रतिशत आय बिक्री से और 12 प्रतिशत आय किराये से अर्जित की।
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