बनने जा रहा भारत का पहला ‘हिंदू ग्राम’ , बागेश्वर धाम में बाबा बागेश्वर ने रखी आधारशिला

बागेश्वर धाम (गढ़ा) में विकसित किए जा रहे इस 'हिंदू ग्राम' में लगभग 1,000 परिवारों को बसाने की योजना है। बागेश्वर धाम जनसेवा समिति द्वारा सनातन धर्म से जुड़े श्रद्धालुओं को भूमि प्रदान की जाएगी, जिस पर वे अपने घरों का निर्माण कर सकेंगे। इस पहल के पहले ही दिन दो परिवारों ने यहां बसने की स्वीकृति दी और आवश्यक दस्तावेज़ी प्रक्रिया भी पूरी कर ली। इसके अलावा लगभग 50 लोग इस 'हिंदू ग्राम' में अपना घर बनाने की इच्छा जाहिर कर चुके हैं।

Hindu Village

Hindu Village : मध्य प्रदेश स्थित बागेश्वर धाम में भारत के पहले हिंदु ग्राम की नींव रख दी गई है। इस ऐतिहासिक पहल की शुरुआत बुधवार को पं. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री उर्फ बाबा बागेश्वर ने विधिवत भूमिपूजन करके की । जानकारी के अनुसार, यह विशेष ग्राम दो वर्षों में पूर्ण रूप से विकसित हो जाएगा, जिसमें लगभग 1,000 हिंदू परिवारों को बसाया जाएगा।

क्या है इस योजना का उद्देश्य?

बाबा बागेश्वर, जो हिंदू राष्ट्र की अवधारणा को लेकर निरंतर सक्रिय हैं, अब इस विचार को धरातल पर लाने की दिशा में ठोस कदम बढ़ा चुके हैं। हिंदू राष्ट्र ध्वज की घोषणा के बाद अब उन्होंने ‘हिंदू ग्राम’ की परिकल्पना को साकार करने की दिशा में कार्य शुरू किया है। बागेश्वर धाम में वैदिक मंत्रोच्चार और कन्यापूजन के साथ भूमिपूजन कर उन्होंने इस ग्राम की आधारशिला रखी।

ग्राम से रखी जाएगी हिंदु राष्ट्र की नींव

बाबा बागेश्वर का मानना है कि हिंदू राष्ट्र का सपना, हिंदू घर से शुरू होता है। उन्होंने अपने भाषण में स्पष्ट किया कि जब हिंदू घर, फिर हिंदू समाज, फिर हिंदू ग्राम स्थापित होंगे, तभी आगे चलकर हिंदू तहसील, हिंदू जिला और फिर हिंदू राज्य की परिकल्पना साकार होगी। इसी क्रम में यह हिंदू ग्राम पहला ठोस कदम माना जा रहा है।

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हिंदू ग्राम की विशेषताएं

  • यह ग्राम बागेश्वर धाम परिसर में ही बसाया जा रहा है।

  • जनसेवा समिति द्वारा श्रद्धालुओं को भूमि प्रदान की जाएगी, जिस पर वे अपने आवास बना सकेंगे।

  • पहले ही दिन दो परिवारों ने ग्राम में बसने की सहमति दी और प्रक्रिया पूरी की।

  • लगभग 50 अन्य लोग भी यहां घर बनाने की इच्छा जता चुके हैं।

बाबा बागेश्वर की इस पहल को उनके अनुयायियों द्वारा हिंदू संस्कृति को पुनर्जीवित करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। यह ग्राम न केवल एक धार्मिक स्थल होगा, बल्कि सनातन संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन का केंद्र भी बनेगा।

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