Karva Chauth : करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए खास महत्व रखता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन के लिए उपवास रखती हैं। करवा चौथ का व्रत करने का सही तरीका और परंपराओं का पालन करने से न सिर्फ व्रत का फल मिलता है, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है। आइए जानते हैं करवा चौथ मनाने का सही तरीका।
व्रत
करवा चौथ के दिन सूर्योदय से पहले ‘सरगी’ का सेवन करके महिलाएं व्रत का संकल्प लेती हैं। सरगी में हल्का और पौष्टिक भोजन शामिल होता है, जिसे सास द्वारा बहू को दिया जाता है। सरगी खाने के बाद महिलाएं पूरे दिन निर्जल व्रत रखती हैं और भगवान से अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं।
करवा पूजा का महत्व
शाम को चंद्रमा के दर्शन से पहले महिलाएं करवा चौथ की पूजा करती हैं। इस पूजा के दौरान शिव, पार्वती और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। साथ ही करवा (मिट्टी का घड़ा) में जल भरकर भगवान को अर्पित किया जाता है। करवा पूजा करने से परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और दांपत्य जीवन में मिठास आती है।
चंद्रमा का पूजन
रात को चंद्रमा के उदय होने पर महिलाएं चंद्र दर्शन करती हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं। इसके बाद पति के हाथों से पानी पीकर व्रत को तोड़ा जाता है। चंद्रमा को अर्घ्य देने का विशेष महत्व होता है, इसे शुभ माना जाता है और यह व्रत के संपूर्ण फल की प्राप्ति का प्रतीक है।
व्रत के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें
करवा चौथ का व्रत करते समय कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। पूरे दिन मन और वाणी को शुद्ध रखें, किसी प्रकार की नकारात्मकता या क्रोध से बचें। साथ ही, पूजा के समय ध्यान केंद्रित कर प्रार्थना करें, ताकि व्रत का पूरा फल मिल सके।
धार्मिक कथा
करवा चौथ के व्रत में करवा माता की कथा सुनने का विशेष महत्व होता है। पूजा के दौरान महिलाएं समूह में बैठकर करवा चौथ की कथा का श्रवण करती हैं, जो इस व्रत के महत्व और फल का प्रतीक है। कथा सुनने से व्रत का फल कई गुना बढ़ जाता है।
पति की आरती और आशीर्वाद
व्रत खोलने के बाद पति की आरती उतारने का रिवाज भी इस पर्व का अहम हिस्सा है। महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाल जीवन की कामना करती हैं और पति के पैर छूकर आशीर्वाद प्राप्त करती हैं। इस परंपरा से दांपत्य जीवन में प्रेम और आदर की भावना बढ़ती है। धार्मिक विद्वानों का कहना है कि करवा चौथ का व्रत विधिपूर्वक और पूरी श्रद्धा से करने पर न केवल पति की लंबी उम्र की कामना पूरी होती है, बल्कि घर में सुख-समृद्धि भी आती है। साथ ही, इस व्रत का फल तभी मिलता है जब इसे सच्चे मन से किया जाए और परंपराओं का सही ढंग से पालन किया जाए।
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