Ganesh Chaturthi 7 September : गणेश स्थापना के समय सही दिशा का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि वास्तु शास्त्र के अनुसार, दिशा का प्रभाव घर में सुख-समृद्धि और शांति पर पड़ता है. गणेश जी की मूर्ति या चित्र की स्थापना के लिए वास्तु शास्त्र कुछ खास दिशाओं की अनुशंसा करता है.
उत्तर-पूर्व दिशा
वास्तु के अनुसार, Ganesh Chaturthi के दिन गणेश जी की स्थापना के लिए सबसे शुभ दिशा उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण मानी जाती है. यह दिशा सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है और घर में शांति और समृद्धि लाती है. गणेश जी की मूर्ति को इस दिशा में स्थापित करने से घर में बाधाएं दूर होती हैं और परिवार के सदस्यों के बीच आपसी संबंध मजबूत होते हैं.
उत्तर दिशा
Ganesh Chaturthi के दिन अगर ईशान कोण में मूर्ति स्थापित करना संभव नहीं है, तो उत्तर दिशा दूसरा सबसे अच्छा विकल्प होता है. उत्तर दिशा को धन और समृद्धि की दिशा माना जाता है, और इस दिशा में गणेश जी की मूर्ति रखने से घर में धन-धान्य की वृद्धि होती है.
पूर्व दिशा
गणेश जी की मूर्ति को पूर्व दिशा में भी रखा जा सकता है. यह दिशा घर में शांति और स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद करती है. विशेष रूप से यदि आप गणेश चतुर्थी के दौरान गणेश जी की स्थापना कर रहे हैं, तो पूर्व दिशा का चयन भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है.
स्थापना के समय ध्यान रखने ये बातें
गणेश जी की मूर्ति की स्थापना ऐसी जगह होनी चाहिए जहां पर परिवार के सभी सदस्य पूजा के दौरान आराम से बैठ सकें.
मूर्ति के सामने पर्याप्त स्थान होना चाहिए ताकि पूजा करने में किसी प्रकार की रुकावट न हो.
मूर्ति को सीधे जमीन पर रखने से बचें, इसके लिए एक चौकी या ऊंचा स्थान इस्तेमाल करें.
वास्तु के इन नियमों का पालन करने से घर में सुख-शांति, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, और गणेश जी की कृपा से सभी कार्य सफल होते हैं.