Vastu for temples : भगवान का आशीर्वाद पाने और जीवन में सकारात्मकता लाने के लिए लोग मंदिर जाते हैं, पूजा-पाठ करते हैं और भक्ति में लीन रहते हैं। लेकिन कई बार मंदिर से लौटते वक्त की गई कुछ गलतियां हमारे पूजा के प्रभाव को खत्म कर सकती हैं। गरुड़ पुराण, मनुस्मृति और विष्णु धर्मसूत्र जैसे ग्रंथों में बताया गया है कि मंदिर से लौटते समय कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए ताकि भगवान की कृपा बनी रहे और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे।
मंदिर से लौटते समय इन बातों का ध्यान रखें
खाली लोटा न लाएं
मंदिर में भगवान शिव और अन्य देवी-देवताओं को जल अर्पित किया जाता है। इसके लिए लोग पूजा सामग्री, प्रसाद और लोटा साथ लेकर जाते हैं। लेकिन मंदिर से खाली लोटा घर लाना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर में नकारात्मकता और दरिद्रता आ सकती है। लोटे में थोड़ा सा जल, फूल या अक्षत के दाने डालकर लाएं, इससे घर में समृद्धि और सुख-शांति बनी रहती है।
मांस-मदिरा का सेवन न करें
मंदिर से लौटने के बाद मांस और शराब का सेवन करना अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से भगवान नाराज हो सकते हैं और घर में किस्मत का साथ कम हो सकता है। इसलिए मंदिर जाने के बाद सात्त्विक भोजन करें और शुद्धता बनाए रखें।
प्रसाद और फूल को सम्मानपूर्वक रखें
मंदिर से लाए गए प्रसाद और फूलों को किसी पवित्र स्थान पर रखें। प्रसाद को सभी लोगों में बांटें और खुद भी ग्रहण करें। वहीं, मंदिर से लाए फूलों को जल में प्रवाहित करें या किसी पौधे की जड़ में रखें। इन्हें कूड़े में फेंकना अशुभ माना जाता है और यह भगवान का अपमान हो सकता है।
तुरंत पैर न धोएं
मंदिर से लौटने के बाद तुरंत पैर धोना या वॉशरूम जाना गलत माना जाता है। इससे मंदिर से मिली सकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है और घर में शांति-सुकून कम होने लगता है। पहले थोड़ी देर भगवान का ध्यान करें, फिर आराम से पैर धोएं।
मंदिर जाना केवल भगवान के दर्शन करने का ही कार्य नहीं होता, बल्कि इससे हमारी आत्मा को भी शुद्धि मिलती है। लेकिन अगर हम मंदिर से लौटकर कुछ गलतियां करते हैं, तो इससे पूजा का फल कम हो जाता है और घर में नकारात्मकता आने लगती है। इसलिए इन बातों का ध्यान रखें और भगवान की कृपा बनाए रखें।
Disclaimer यह लेख सामान्य जानकारी के आधार पर लिखा गया है। किसी भी धार्मिक परंपरा को अपनाने से पहले स्वयं विचार करें या किसी विशेषज्ञ से सलाह लें।