Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 427

Warning: Trying to access array offset on value of type bool in /home/news1admin/htdocs/news1india.in/wp-content/plugins/jnews-amp/include/class/class-init.php on line 428
Sawan Shivratri: जानिए सावन शिवरात्रि का महत्व और पूजा विधि के साथ शुभ मुहूर्त

Sawan Shivratri: जानिए सावन शिवरात्रि का महत्व और पूजा विधि के साथ शुभ मुहूर्त

आज सावन महिने की शिवरात्रि है। हिंदूओं के लिए सावन महीने की शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है..इस सुनहरे अवसर पर भगवान शिव का जलाभिषेक और रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।

कृष्ण पक्ष की14वीं तिथि को मानाई जाती है मासिक शिवरात्रि

आपको बता दें हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने की कृष्ण पक्ष की 14वीं तिथि के दिन मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। लेकिन फाल्गुन और श्रावण माह की शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है। शिवरात्रि का त्योहार भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है।

साथ ही माता पार्वती, भगवान गणेश, भगवान कार्तिकेय और नंदी की पूजा-आराधना की जाती है। सावन शिवरात्रि पर कांवड़ यात्रा में शामिल सभी शिव भक्त जल से भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं। आइए जानते हैं

सावन शिवरात्रि का महत्व

सावन का महीना भगवान शिव के भक्तों के लिए बेहद खास होता है। भगवान के भक्त पूरे सावन माह में भगवान शिव की विशेष रूप से पूजा-आराधना होती है।

सावन शिवरात्रि के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक या रुद्राभिषेक करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है। सावन शिवरात्रि पर व्रत रहते हुए शिव पूजन करने पर मनचाहा वर और सभी तरह की इच्छाएं जल्द पूरी होती है।

आज के दिन सावन शिवरात्रि पर शुभ संयोग बन रहा है। इस दिन शिव मंगल गौरी की बहुत ही शुभ और मंगलकारी योग बन रहा है।

ऐसे में सावन शिवरात्रि के अवसर पर न सिर्फ भगवान शिव का जलाभिषेक करना कल्याणकारी होगा बल्कि मंगला गौरी व्रत पर माता पार्वती की पूजा करने पर भगवान शिव और माता पार्वती दोनों का आशीर्वाद प्राप्त होगा। वर्षों बाद सावन शिवरात्रि और मंगला गौरी व्रत का संयोग बना है।

सावन शिवरात्रि पूजन विधि

सावन शिवरात्रि के दिन सुबह स्नान करें और व्रत रखें। इसके बाद घर में या किसी मंदिर में जाकर भगवान शिव की पूजा करें। शिवलिंग का रुद्राभिषेक जल, घी, दूध, शक्कर, शहद, दही आदि से करें । साथ ही शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा और श्रीफल चढ़ाएं।

भगवान शिव की अराधना के लिए धूप, दीप, फल और फूल आदि का प्रयोग करें। सावन शिवरात्रि पर सुबह और शाम दोनों समय शिव पुराण, शिव पंचाक्षर, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा, शिव रुद्राष्टक और शिव श्लोक का पाठ करें। इस तरह से शिव उपासना करने से सभी मनोकानाएं पूर्ण होगी..

शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त 

शिवरात्रि के दिन चार प्रहर में पूजा की जाती है। इस बार सावन शिवरात्रि की शुभ तिथि आज शाम को 06 बजकर 45 मिनट से शुरू होकर 27 जुलाई की रात 09 बजकर 10 मिनट तक रहेगी।

इस तरह से भगवान शिव का जलाभिषेक 26 और 27 जुलाई दोनों की जा सकेगी। मासिक शिवरात्रि पर शिव पूजन और जलाभिषेक शाम के 6 बजे लेकर 7 बजकर 30 मिनट पर करना उत्तम रहेगा।

ये भी पढ़ेSawan Shivratri: भगवान शिव की विधि अनुसार पूजा के साथ पढ़े मनोकामना पूर्ण करने वाली ये कथा..

Exit mobile version