लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इंसान के जीवन में हर ग्रह का विषेश महत्व होता है। ऐसे में हम आपको सौरमंडल में मौजूद सबसे छोटे ग्रह बुध ग्रह के बारे में बताने जा रहे हैं। ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को एक शुभ ग्रह माना गया है। ग्रहों में बुध ग्रह को राजकुमार का दर्जा प्राप्त है। जैसे सूर्य राजा, चद्रंमा रानी, मंगल सेनापति और बुध राजकुमार हैं। बुध ग्रह सूर्य के सबसे पास रहने वाले ग्रह हैं। अक्सर पाया गया है कि जातकों की कुंडली में अक्सर बुध अपने पिता सूर्य के साथ रहता है।
बुध ग्रह एक द्विस्वभाव के ग्रह है
ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह को बुद्धि, वाणी, तर्कशास्त्र, संवाद, गणित, व्यापार और अकांउट के कारक माने जाते हैं। बुध ग्रह एक द्विस्वभाव के ग्रह हैं यानी बुध ग्रह जिन ग्रहों के साथ होते हैं उन्हीं के अनुरूप फल प्रदान करते हैं। बुध शुभ ग्रहों के साथ होने पर शुभ फल प्रदान करते हैं तो जबकि अशुभ ग्रहों की संगति में अशुभ फल देते हैं। जैसे अगर बुध गुरु, शुक्र और बली चंद्रमा के होंगे तो यह शुभ फल देंगे, वहीं अगर ये क्रूर ग्रहों शनि, राहु, केतु, मंगल और सूर्य के साथ होंगे तो अशुभ देने लगते हैं।
बुध की विमसोत्री दशा 17 वर्ष की
वैदिक ज्योतिष में बुध को शिक्षा का कारक बताया गया है। जिसका व्यवसाय में भी एक अहम योगदान होता है। ज्योतिष के मुताबिक, बुध ग्रह बुद्धि, तर्क, वाणी, संचार, कारोबार, त्वचा, सौंदर्य, और मित्रता का कारक होता है। बुध की विमसोत्री दशा 17 वर्ष की होती है। जातक की कुंडली में उसके उम्र के अनुसार जिस वक्त उसकी शिक्षा चल रही है। उसी दौरान यदि किसी ऐसे ग्रह की दशा आ जाती है, जिसका संबंध बुध से कुंडली में अच्छा न हो या जो नेचुरल बेनिफिट के साथ बुध संबंध बनाते हो।
मिथुन और कन्या राशि का स्वामी
कालपुरुष की कुंडली में बुध ग्रह को मिथुन और कन्या राशि का स्वामी माना गया है। बुध जब कन्या राशि में होते हैं उच्च के होते हैं, जबकि मीन राशि में होने पर यह नीच के हो जाते हैं। सभी 27 नक्षत्रों में बुध को अश्लेषा, ज्येष्ठा और रेवती नक्षत्र का स्वामी माना गया है। बुध सूर्य और शुक्र के साथ मित्रता रखते हैं। मंगल और चंद्रमा से शत्रुता जबकि गुरु और शनि के साथ सम रहते हैं। बुध कुंडली में 15 डिग्री होने पर परम उच्च के होते हैं। अगर बुध ग्रह के महादशा की बात करें तो यह 17 वर्षों की होती है।
ज्ञाता और व्पापार में सफल होता
बुध को वाणी, संचार, तर्क, त्वचा और कारोबार का कारक ग्रह माना गया है। जिन जातकों की कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होते हैं, ऐसा जातक बहुत ही बुद्धिमान, तीब्र शक्ति वाला, संवाद करने में अच्छा और कारोबार में सफलता प्राप्त करने वाला होता है। बुध के बली होने पर जातक संचार और गणित के क्षेत्र में अव्वल दर्जे का होता है। ज्योतिष में बुध ग्रह को शुभ ग्रह माना गया है। कुंडली के लग्न भाव में बुध के होने पर व्यक्ति कुशाग्र बुद्धि वाला, तर्क से बोलने वाला और कुशल वक्ता होता है। कुंडली के पहले भाव यानी लग्न में बुध के बैठने पर जातक दीर्घायु, कई भाषाओं का ज्ञाता और व्पापार में सफल होता है।
हानि होने की संभावना ज्यादा रहती
जब किसी जातक की कुंडली में बुध कमजोर हो यानी बुध ग्रह क्रूर और पापी ग्रहों से पीड़ित हो या फिर कुंडली के अशुभ भावों में बैठा हो तो जातक को शारीरिक और मानसिक दोनों ही तरह से कष्टों का सामना करना पड़ता है। कुंडली में बुध ग्रह के कमजोर होने पर जातक की वाणी ठीक नहीं रहती है। ऐसे जातक गणित में कमजोर, कम बुद्धि वाला, चीजों को देरी से समझने वाला होता है। बुध के कमजोर होने पर अगर जातक किसी व्यापार को करता है तो उसमें हानि होने की संभावना ज्यादा रहती है।
बुध ग्रह की 10 खास बातें
1- बुध सूर्य के सबसे निकट रहते हैं, इसलिए ज्यादातर समय अस्त ही रहते हैं। बुध सूर्य से एक घर आगे या एक घर पीछे रहते हैं।
2- बुध ग्रह को पुरुष और नपुसंक ग्रह माना गया है।
3- बुध स्वग्रही, मूल त्रिकोण और मित्र ग्रह की राशि होने पर अच्छा फल देते हैं जबकि नीच राशि और शत्रु राशि में होने पर कष्ट देते हैं।
4- बुध कार्यक्षेत्र में साहित्य, लेखन कार्य, सलाहकार, पत्रकारिता, अकाउंटेंट और वकील का प्रतिनिधितत्व करते हैं।
5- सूर्य-बुध की युति बुधादित्य राजयोग का निर्माण होता है।
6- बुध ग्रह से बना योग केंद्र त्रिकोण में बहुत अच्छा माना गया है।
7- शुक्र-बुध की युति से लक्ष्मी नारायण योग बनता है।
8- बुध का रत्न पन्ना होता है।
9- बुध उत्तर दिशा के स्वामी होते हैं। यह स्थान कुबेर देवता माना जाता है।
10- बुध का एक दिन पृथ्वी के 90 दिनों के बराबर होता है।
बुध को खुश करने के उपाय
1-देवताओं में विष्णु की पूजा करें, अय्यप्पा की पूजा करें।
2-देवियों में मां त्रिपुरा, मां सुंदरी की निरंतर उपासना करें।
3-बुध के अच्छे फल के लिए दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए।
4- हरे वस्त्रों को धारण करें। हरे रंग के प्रयोग को बढ़ा दें।
5-वनस्पतियों की विशेष रूप से प्रतिदिन सेवा करें।
6-गाय को निरंतर चारा खिलाएं। अगर ऐसा संभव ना हो तो विशेष रूप से बुधवार को तो जरूर खिलाएं।
7-बुध को प्रसन्न करने के लिए हरी घास, साबुत मूंग, पालक, नीले रंग के फूल, हरे रंग के वस्त्रों, कांस्यम के बर्तन और हाथी के दांतों से बनी चीजों का दान करना शुभ फलदायक होता है।
8- कन्याओं की पूजा करें, उनको शिक्षा से संबंधित सामग्री दिन-प्रतिदिन एवं बुधवार को अवश्य दें।
(बता दें, इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। न्यूज 1 इंडिया इसकी पुष्टि नहीं करता है। )