Unakoti temple : भारत एक ऐसा देश है जहाँ धार्मिकता का गहरा महत्व है। यहाँ हर राज्य में मंदिर हैं, और इनमें से कई मंदिरों के पीछे एक दिलचस्प और रहस्यमय कहानी है। ऐसी ही एक रहस्यमय जगह है त्रिपुरा राज्य का ‘उनाकोटी’ मंदिर। इस मंदिर में 99 लाख 99 हजार 999 मूर्तियाँ हैं। अब आपको लग रहा होगा कि यह किस तरह की अजीब संख्या है, और क्यों इस मंदिर में एक करोड़ मूर्तियाँ नहीं हैं, बल्कि एक मूर्ति कम है। चलिए, जानते हैं इसके बारे में।
मूर्तियों की रहस्यमय संख्या
‘उनाकोटी’ मंदिर की विशेषता यह है कि यहाँ 99 लाख 99 हजार 999 मूर्तियाँ हैं। यह संख्या क्या बताती है इसका नाम ही बताता है कि इस जगह पर मूर्तियाँ एक करोड़ से एक कम हैं। ‘उनाकोटी’ का मतलब है ‘कोटी में एक कम’। आप सोच रहे होंगे कि यह संख्याएँ इतनी खास क्यों हैं। इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं है, लेकिन यह संख्या बहुत अहम मानी जाती है और इसकी कई कहानियाँ जुड़ी हुई हैं।
मूर्तियाँ कैसे बनीं
यह मंदिर एक पहाड़ी इलाके में स्थित है और चारों ओर घना जंगल है। सवाल ये है कि इन जंगलों में इतनी मूर्तियाँ कैसे बनाई गई होंगी कहानियों के मुताबिक, उस समय यहाँ कोई निवासी नहीं था और न ही कोई तकनीकी साधन थे। यह अब भी शोध का विषय है, लेकिन अब तक इसका कोई ठोस जवाब नहीं मिल पाया है।
एक दिलचस्प कहानी
यहां की मूर्तियों से जुड़ी एक पुरानी और दिलचस्प कहानी है। एक बार भगवान शिव और उनके साथ एक करोड़ देवी देवता यात्रा पर जा रहे थे। जब रात हुई, तो बाकी देवी देवताओं ने महादेव से अनुरोध किया कि वे उनाकोटी में रुककर विश्राम करें। भगवान शिव ने मंजूरी दी, लेकिन शर्त रखी कि सूर्योदय से पहले सभी देवी देवता यहां से चले जाएंगे। जब सुबह हुई, तो भगवान शिव ही जाग्रत थे और बाकी देवी देवता सो रहे थे। इस पर भगवान शिव क्रोधित हो गए और सभी देवी देवताओं को शाप दे दिया और उन्हें पत्थर बना दिया। इस कारण यहाँ 99 लाख 99 हजार 999 मूर्तियाँ हैं।
एक और कहानी
एक और दिलचस्प कहानी के अनुसार, कालू नामक एक शिल्पकार को भगवान शिव और माता पार्वती के साथ कैलाश पर्वत जाने का अवसर मिला। भगवान शिव ने उसे शर्त दी कि अगर वह एक रात में एक करोड़ मूर्तियाँ बना सके तो वह उसे कैलाश पर्वत ले जाएंगे। शिल्पकार ने रातभर मूर्तियाँ बनानी शुरू कीं, लेकिन सुबह होते होते एक मूर्ति कम हो गई। फिर भगवान शिव ने उसे कैलाश पर्वत नहीं जाने दिया और यहीं पर इस मंदिर की स्थापना हुई। इस वजह से इस मंदिर का नाम ‘उनाकोटी’ पड़ा।
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‘उनाकोटी’ मंदिर त्रिपुरा के अगरतला से 145 किलोमीटर दूर स्थित है और यह भारत के सबसे रहस्यमय मंदिरों में से एक माना जाता है। यहाँ की मूर्तियों और उनके पीछे की कहानियाँ आज भी लोगों के लिए रहस्य बनी हुई हैं। इस मंदिर का इतिहास आज भी पूरी तरह से समझा नहीं जा सका है, लेकिन इसके बारे में जितनी कहानियाँ हैं, वे इस जगह को और भी रहस्यमय बना देती हैं।
श्रद्धालु उनाकोटि पहाड़ी तक कैसे पहुंचे
उनाकोटी पहाड़ी त्रिपुरा की राजधानी अगरतला से लगभग 178 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पर्यटक अगरतला से सड़क मार्ग से या निकटतम रेलवे स्टेशन कुमारघाट से उनाकोटी पहुँच सकते हैं। मंदिर तक पहुँचने के लिए अगरतला से स्थानीय टैक्सियाँ और बसें उपलब्ध हैं।