नई दिल्ली। 13 दिसंबर 2001 देश की संसद पर हुए आत्मघाती हमले के बरसी के दिन इस साल भी यहां से सुरक्षा में चूक देखी गई. दरअसल संसद की सुरक्षा में चूक का फायदा उठाकर कुछ लोग परिसर में घुस गए और गैस कैनन का प्रयोग करते हुए कल उड़ाने लगे. इस पूरे मसले को लेकर यहां पर सरकार और विपक्ष बहस छिड़ी हुई है. अब मीडिया रिपोर्ट की माने तो संसद की सुरक्षा की जिम्मेदारी CISF को सौंप दी गई है.
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सर्वे के बाद चार्ज संभालेगा CISF
बता दें कि संसद की सुरक्षा में चूक के बात देश की गृह मंत्रालय ने बड़ा फैसला लेते हुए इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस की जगह CISF को सौंप दी है. दरअसल गृह मंत्रालय ने इस संबंध में सीआईएसएफ को संसद परिसर का सर्वे करने को कहा है. इस सर्वे के बाद सीआईएसएफ संसद भवन के सुरक्षा की चार्ज लेगी.
आरोपियों से पूछताछ में हुए कई खुलासे
12 दिसंबर 2001 को देश की संसद (Parliament) में हुए आत्मघाती हमले के बरसी के दिन ही एक बार फिर संसद (Parliament) की सुरक्षा में बड़ी चूक देखी गई है. इस चूक का फायदा उठाकर आरोपियों ने परिसर के अंदर कलर गैस का यूज किया और तेज-तेज से नारे लगाने लगे. अब इन आरोपियों को गिरफ्तार करके पूछताछ की जा रही है. पूछताछ में कई बड़े बात का खुलासा हुआ है. मीडिया रिपोर्ट की माने तो आरोपियों द्वारा संसद भवन में आत्मदाह करने की भी तैयारी थी. इसके अलावा कई तरह के योजनाओं का भी खुलासा हुआ है.
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सदन में दर्शक दीर्घा में कूदे थे आरोपी
गौरतलब है कि आरोपी सागर शर्मा और मनोरंजन डी नामक दो आरोपी सदन के शून्यकाल के दौरान दर्शक दीर्घा से लोकसभा कक्ष में कूद गए थे. इसके बाद दोनों आरोपियों ने गैस केन से पीली रंग की गैस उड़ाते हुए नारेबाजी की. हालांकि इसके बाद सांसदों ने उनको पकड़ लिय़ा था. ठीक इसी समय संसद (Parliament) भवन के बाहर भी अन्य दो आरोपी जिनका नाम अमोल शिंदे और नीलम वर्मा है, केन से रंगीन धुंआ फैलाते हुए तानाशाही नहीं चलेगी के नारे लगाए. जबकि पांचवा आरोपी ललित झा ने परिसर के बाहर विरोध प्रदर्शन के वीडियो को सोशल मीडिया पर कथित तौर पर प्रसारित करने का काम किया था.