राजस्थान के प्रांत प्रचारकों की तीन दिवसीय मीटिंग में आरएसएस ने झुंझुनू (Jhunjhunu) में, उदयपुर और अमरावती हत्याकांड की पृष्ठभूमिक में ‘बढ़ती इस्लामी कट्टरता’ पर मंथन किया। बैठक में संघ प्रमुख मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले समेत तमाम शीर्ष नेताओं ने शिरकत की। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने शनिवार को कहा कि हिंदू समाज ने उदयपुर जैसी घटनाओं पर शांतिपूर्ण और संवैधानिक तरीके से प्रतिक्रिया दी। उसने अपील की कि मुस्लिम समुदाय को भी उदयपुर जैसी घटनाओं का दमदार तरीके से विरोध करना चाहिए।
बता दें कि 48 वर्षीय कन्हैया लाल की पिछले महीने दो लोगों ने हत्या कर दी थी. आरोपियों ने हत्या के दौरान वीडियो बनाई थी उके बाद एक अन्य वीडियो बनाई थी और दोनों को सोशल मीडिया पर शेयर किया था. एक वीडियों में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी धमकी दी गई थी. जबकि एक वीडियों में गला काटते दिखाया था. इसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद को गिरफ्तार कर लिया था.अब इस मामले की जांच देश की शीर्ष आतंकवाद विरोधी संस्था, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कर रही है. क्योंकि हत्यारों के कथित रूप से पाकिस्तान स्थित संगठन दावत-ए-इस्लामी के संबंध होने की बात कही जा रही है.
बता दें की बैठक के बाद एक सवाल का जवाब देते हुए संघ के प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने उदयपुर हत्या की कड़ी निंदा की और कड़वे शब्दों के साथ कहा कि भारत एक लोकतंत्र है और उन लोगों के लिए संवैधानिक अधिकार हैं. अगर किसी को कोई चीज पसंद नहीं आती तो लोकतांत्रिक तरीके से अपनी शिकायतों को व्यक्त कर सकते हैं. आंबेडकर ने कहा, “एक सभ्य समाज हमेशा ऐसी घटनाओं की निंदा करता है. हिंदू समुदाय लोकतांत्रिक तरीके से प्रतिक्रिया कर रहा है. मुस्लिम समुदाय से भी इस तरह के कार्यों से दूर रहने की अपेक्षा की जाती है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम समुदाय को भी इसके खिलाफ बोलने के लिए आगे आना चाहिए. ये घटनाएं देश या हमारे समाज के हित में नहीं हैं. हर किसी को इसकी निंदा करनी चाहिए. इस बैठक में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, सरकार्यवाह (महासचिव) दत्तात्रेय होसबोले और कृष्ण गोपाल, मनमोहन वैद्य, सी आर मुकुंद, अरुण कुमार और राम दत्त सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं ने ‘अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक’ ने भाग लिया.